सूरजपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुर, 28 जुलाई। सत्य सार्इं बाबा के शताब्दी वर्ष के जन्मोत्सव पर पूरे भारतवर्ष में 24 अप्रैल से प्रशांति निलयम आंध्र प्रदेश से दिव्य प्रेम, राष्ट्रीय एकता एवं मानवता की सेवा के उद्देश्य से पांचों दिशाओं में पांच प्रेम प्रवाहिनी दिव्य रथ रवाना हुई है,उत्तर भारत के लिए प्रस्थान की गई रथ बैकुंठपुर, सूरजपुर से होते हुए कुम्दा पहुंची,जहां पर कुम्दा भजन मंडली के द्वारा भव्य स्वागत कर आरती की गई।
27 जुलाई को श्री सत्य सार्इं प्रेम वाहिनी रथ के समक्ष प्रात: 5 बजे से 21 ओमकारम,सुप्रभातम पश्चात प्रभात फेरी कर आरती किया गया। दोपहर लगभग 300 साँई भक्तों ने खिचड़ी प्रसाद ग्रहण किया, अपरान्ह 3 बजे से सार्इं धाम से रथ यात्रा पूजा अर्चना के बाद नगर में शोभायात्रा के रूप में निकाली गई। रथ का गायत्री मंदिर के पास गायत्री शक्तिपीठ के पदाधिकारियों द्वारा मंत्रोचार से दिव्य रथ की आरती एवं पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
माईनस कॉलोनी में गौरीशंकर पांडे, देवराज शर्मा,राजाराम मरावी,नगर पंचायत अध्यक्ष निर्मला यादव,ललिता सिंह,गीता पुरी,मेंन मार्केट में हनुमान मंदिर,शशि नानू, पिंटू ठाकुर,पूर्णिमा डे, संजयन पाणिकर,अमन कश्यप के निवास के पास दिव्य रथ का आरती कर स्वागत किया गया।वापसी में रथ बस स्टैंड होते हुए अय्यपा मंदिर, जगन्नाथ मंदिर पहुंची,जहां पर मंदिर समिति द्वारा यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को जलपान पश्चात आतिशबाजी कर स्वागत किया गया।
आरती के बाद दिव्य रथ सार्इं मंदिर पहुंची, जहां पर पटाखे एवं पुष्प वर्षा कर सार्इं समिति के द्वारा स्वागत किया गया। साई भक्तों के द्वारा घर मे निर्मित 56 पकवानों एवं भोग मंत्र के साथ बाबा को भोग अर्पित किया गया।
रथ यात्रा के समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय महाप्रबंधक संजय सिंह ने कहा कि श्री सत्य सार्इं प्रेम प्रवाहिनी रथ यात्रा अध्यात्म, सेवा,समर्पण एवं प्रेम का अद्भुत संगम है,इस दिव्य यात्रा से देश में प्रेम,एकता एवं भाईचारे का संदेश जाएगा,जो मानव कल्याण के लिए आवश्यक है।
आरती,भोग प्रसाद वितरण एवं भंडारा के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। रात्रि भोग प्रसाद एवं भंडारे में लगभग 600 साँई भक्त शामिल हुए।
28 जुलाई को दिव्य रथ तेलाईकछार एवं सपकरा में भ्रमण पश्चात 29 जुलाई को अंबिकापुर एवं 30 जुलाई को वाड्रफनगर होते हुए उत्तर प्रदेश प्रस्थान करेगी।
रथ यात्रा में लगभग 200 सार्इं भक्त शामिल हुए। दिव्य रथ यात्रा भ्रमण कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।