सूरजपुर

मांगी जानकारी छिपाने-जवाब देने में लापरवाही
25-Jul-2025 4:35 PM
मांगी जानकारी छिपाने-जवाब देने में लापरवाही

दो पंचायत सचिवों को नोटिस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

प्रतापपुर,25 जुलाई। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई जानकारी छिपाने, जवाब देने में लापरवाही बरतने और राज्य सूचना आयोग के आदेश की अवहेलना जैसे गंभीर मामलों में जनपद पंचायत प्रतापपुर ने दो पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सख्त चेतावनी दी है। यह कार्रवाई ग्राम पंचायत बगड़ा तथा खैराडीह-सौंतार के सचिवों के विरुद्ध की गई है।

इन दोनों मामलों में शिकायतकर्ता महेन्द्र कुमार गुप्ता द्वारा 16 जुलाई को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन देकर जानकारी मांगी गई थी। जनपद पंचायत प्रतापपुर द्वारा यह आवेदन अग्रेषित कर संबंधित पंचायत सचिवों से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था। परंतु, दोनों मामलों में जवाब देने में गंभीर लापरवाही सामने आई।

आयोग के आदेश के बावजूद भेजा सादा कागज

राममूरत राम, जो वर्तमान में ग्राम पंचायत बगड़ा में सचिव पदस्थ हैं, पूर्व में ग्राम पंचायत केवरा में तैनात थे। उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के स्थान पर केवल सादा कागज भेजा। इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि यह कार्य छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग रायपुर के स्पष्ट आदेश के बावजूद किया गया, जिसे जनपद ने आयोग की अवमानना और आरटीआई कानून का उल्लंघन माना है।

सूचना का अधिकार अधिनियम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है, लेकिन जब किसी आयोग द्वारा आदेश के बावजूद जानकारी नहीं दी जाती, बल्कि जानबूझकर सादा कागज भेजा जाता है, तो यह सीधे तौर पर आवेदनकर्ता को गुमराह करने और कानून की अनदेखी करने का प्रयास है।

 

 न आयोग का पालन, न सूचना की आपूर्ति

वहीं, ग्राम पंचायत खैराडीह एवं सौंतार के सचिव टामेश्वर सिंह द्वारा भी 16 जुलाई को प्रस्तुत आरटीआई आवेदन का आज दिनांक तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। राज्य सूचना आयोग द्वारा पूर्व में स्पष्ट आदेश दिए जाने के बावजूद उन्होंने न तो जानकारी उपलब्ध कराई है, न ही जनपद कार्यालय या आवेदनकर्ता को किसी प्रकार की सूचना भेजी है।

यह न केवल आरटीआई कानून की अवहेलना है, बल्कि आयोग जैसे संवैधानिक संस्थान की प्रतिष्ठा के खिलाफ भी है। इससे स्पष्ट होता है कि पंचायत स्तर पर अब भी कुछ अधिकारी जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

जनपद पंचायत प्रतापपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा दोनों सचिवों को अलग-अलग कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि वे प्राप्त आवेदन के अनुसार मांगी गई जानकारी तत्काल आवेदनकर्ता को उपलब्ध कराएं और इसकी सूचना जनपद कार्यालय को दें।

साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं दिया गया या भ्रामक अथवा झूठी जानकारी भेजी गई, तो यह अधिनियम की गंभीर अवहेलना मानी जाएगी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित सचिव की होगी।


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