सूरजपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर,18 जुलाई। सूरजपुर जिला के प्रतापपुर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत धूमाडाँड़ में 15वें वित्त आयोग योजना के तहत भारी अनियमितता किए जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिव ने वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक शासन की विभिन्न योजनाओं के नाम पर बिना कार्य किए लाखों रुपये का गबन किया है।ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि पंचायत में नाली,सीसी रोड,सामुदायिक भवन पेयजल सुविधा आदि के नाम पर भुगतान तो कर दिए गए, लेकिन स्थल पर कोई कार्य मौजूद नहीं है। हैरानी की बात यह है कि पंचायत खाते से सीधे सचिव के निजी खातों और कुछ संदिग्ध खातों में फंड ट्रांसफर किए गए हैं। यह पूरा मामला योजनाबद्ध षड्यंत्र की ओर इशारा करता है।
फर्जी प्रस्ताव और मृत लोगों के हस्ताक्षर
शिकायतकर्ता व ग्रामीण चंद्रिका कुशवाहा के अनुसार, सचिव द्वारा ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित नहीं कराए गए, बल्कि फर्जी प्रस्ताव तैयार कर पंचों की सहमति दिखाने के लिए नकली हस्ताक्षर, यहां तक कि मृत व्यक्तियों के नामों का भी उपयोग किया गया है। इससे ग्राम पंचायत में संचालित योजनाओं की पारदर्शिता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लग गया है।
सिर्फ कागजों में काम
ग्रामीणों का कहना है कि कागजों में कार्य पूर्ण दर्शाया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर न तो कोई निर्माण हुआ और न ही जनता को कोई लाभ मिला। बिना स्थल निरीक्षण के कार्य भुगतान होना इस बात का प्रमाण है कि तकनीकी सहायक, उप अभियंता, लेखापाल और जनपद अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।शिकायतकर्ता चंद्रिका कुशवाहा द्वारा संभागीय आयुक्त, सरगुजा को सौंपे गए आवेदन में मांग की गई है कि पूरे प्रकरण की स्वतंत्र विशेष जांच टीम से जांच कराई जाए।
सचिव सहित संबंधित अधिकारियों की चल-अचल संपत्ति की जांच की जाए। 2019-20 से 2024-25 तक की योजनाओं का फिजिकल और वित्तीय ऑडिट कराया जाए। शिकायत में चेतावनी दी गई है कि यदि 15 दिवस के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो मामले को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की जाएगी।