जेल का सुखद संयोग
छत्तीसगढ़ में साल 2018 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जेल जाना पड़ा था। इसी तरह साल 2023 के विधानसभा चुनाव के चंद महीने पहले बीजेपी के महामंत्री और मौजूदा उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी जेल गए थे। विजय शर्मा के पास गृह और जेल मंत्रालय भी है ऐसे में जब उन्होंने मंत्री के रूप में जेल का दौरा किया तो उनकी दोनों तस्वीर खूब वायरल हो रही हैं। कहा जा रहा है कि समय का चक्र बदलता है। उनको जेल दाखिल करने वाले अधिकारी अब उनकी खातिरदारी कर रहे हैं। दोनों नेताओं के लिए यह किसी सुखद संयोग से कम नहीं है कि जेल जाने के बाद उन्हें इतना बड़ा ओहदा मिला वरना जेल जाना तो बदनामी का ही कारण बनता है।
दांतो तले उंगली दबा नहीं काट रहे हैं लोग
बीते दो दिन में हुई अफसरों के पोस्टिंग की लॉबी में काफी चर्चा है। पढ़ाई लिखाई और खेती किसानी वाले विभागों में हाल में हुई नियुक्तियां देख सुन लोग दांतों तले उंगली दबा नहीं काट रहे हैं। पहले बात अध्यापन वाले विभाग की करें। दो अधिकारियों की ऐसी पोस्टिंग हुई कि वे डीईओ भी होंगे और मंत्रालय में भी काम देखेंगे। जिले का काम करना होगा तो राजनांदगांव, धमतरी जाएंगे नहीं तो मंत्रालय में। या फिर जिले से फाइलें राजधानी मंगवा लेंगे। ऐसा नहीं कि ये पोस्टिंग को किसी सजा के तहत नहीं,बल्कि इनकी मांग या इच्छा पर ही हुई ।
अब बात करें किसानों से जुड़े बोर्ड में हुई एमडी नियुक्ति की । भाजपा महामंत्री के भाई को, आईएएस कैडर के पोस्ट पर नियुक्त किया। ये नए साहब पूर्व में काफी विवादों में भी रहे हैं। कुछ जांच का भी सामना कर चुके हैं। एक के बाद छह प्रमोशन लेकर आखिर आईएएस के समकक्ष पद पर बैठने में सफल रहे। अब देखना है कि सरकार विधानसभा में क्या सफाई देती है। वैसे राजनीति में कहा जाता है कि सरकार के चेहरे बदलते हैं, कामकाज का तरीका वही रहता है। अफसरों की नियुक्ति को लेकर पिछली सरकार को कोसने वाले अब उन्हीं पद चिन्हों पर चल पड़े हैं।
अब तबादले रूकवाने शहर बंद नहीं
चार दशक पहले रायगढ़ शहर जिला पूरा बंद रखा गया था। किसी वारदात के विरोध में नहीं। बल्कि तत्समय के कलेक्टर श्री हर्षवर्धन का तबादला रद्द करवाने को लेकर जनता ने अपनी ताकत दिखाई थी। उसके बाद से तो ऐसी घटनाएं न हुई, न सुनी। अब तो तबादलों पर दफ्तर में मिठाई बांटी जाती हैं और आतिशबाजी होती है । पिछले दिनों बीजापुर के कलेक्टर राजेश कटारा के तबादले पर जमकर आतिशबाजी हुई। कल कवर्धा में सीएमएचओ सुजॉय मुखर्जी को भी बम, पटाखों के साथ विदाई दी गई । इंडियन मिलिट्री मेडिकल कोर के पूर्व अधिकारी रहे डॉ मुखर्जी के फ़ौजी अनुशासन से परेशान मातहत अपने पुराने मनमानी के ढर्रे पर चलना चाहते थे। सो डॉ. साहब नहीं होने दे रहे थे । इलाके के नेताओं को भी नहीं भा रहे थे। सो हो गया तबादला और आतिशबाजी भी हुई ।
फिर बाहर आया महतारी वंदन फॉर्म
सरगुजा संभागीय मुख्यालय के नजदीक दरिमा स्थित एक च्वाइस सेंटर में राजस्व अधिकारियों ने छापा मारकर महतारी वंदन योजना के दर्जनों फर्जी फॉर्म जब्त किये। वहां रोज महिलाओं की लाइन लग रही थी जो इस योजना से साल में 12 हजार रुपये का लाभ लेना चाहती हैं। च्वाइस सेंटर को सील कर दिया गया और सेंटर के संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस योजना का फॉर्म चुनाव के दौरान भी भरवाया गया था। जगह-जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने आचार संहिता का उल्लंघन किया था, प्रशासन ने कई विधानसभा क्षेत्र से सैकड़ों फार्म जब्त किए गए थे। चुनाव आयोग ने नोटिस जारी की, कुछ गिरफ्तारियां भी कर ली गई थी, जिसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया था। सरगुजा में ही लुंड्रा के भाजपा प्रत्याशी प्रबोध मिंज और उनकी पार्टी दो तीन नेताओं के खिलाफ भी चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया था। उन्हें दी गई नोटिस चेतावनी भरी थी, जिसमें कहा गया था कि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम ही नहीं आईपीसी के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। अब मिंज विधायक बन चुके हैं, प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बन चुकी है। निर्वाचन विभाग की अधिकांश ऐसी नोटिस पर क्या कार्रवाई होती है, कभी पता नहीं चलता। इसमें भी क्या हुआ किसी को पता नहीं। पर यह दिलचस्प है कि भाजपा कार्यकर्ता जो फॉर्म चुनाव के समय महिलाओं से भरवा रहे थे, हू-ब-हू वैसा ही फॉर्म अभी च्वाइस सेंटर से जब्त किए गए हैं। अब ये पता नहीं कि ये फर्जी फॉर्म चुनाव के समय भरवाने से बच गए थे, या च्वाइस सेंटर संचालक ने नए छपवाये।
हसदेव क्षेत्र के धान खरीदी केंद्र
कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर हाथियों ने धान संग्रहण केंद्र में धावा बोला। वे वहां रखे करीब 25 बोरी धान हजम कर गए और सैकड़ों बोरियों का धान बिखरा कर लौटे। हाथी प्रभावित इलाकों में जो धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, उनकी फेंसिंग की गई है लेकिन हाथी इन्हें तोडक़र भीतर घुस रहे हैं। कटघोरा व कोरबा वन मंडल में इन दिनों हाथियों का झुंड मंडरा रहा है और लगातार बस्तियों में पहुंच रहा है। पहले के वर्षों में भी भीतर के गांवों के धान खरीदी केंद्रों में हाथी आते रहे हैं, पर पिछले दो साल से आमद बढ़ गई है। इस सीजन में दूसरी बार हाथी पहुंचे हैं। यह वही इलाका है जहां लेमरू एलिफेंट प्रोजेक्ट को आकार लेना है। इसी के कुछ आगे बढऩे पर वह क्षेत्र आ जाएगा, जहां हाल ही में नई कोयला खदानों के लिए पेड़ों की कटाई की गई है।