सारंगढ़-बिलाईगढ़

प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है सारंगढ़, पर पर्यटन के क्षेत्र में उपेक्षित
07-Dec-2024 2:01 PM
प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है सारंगढ़, पर पर्यटन के क्षेत्र में उपेक्षित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़़, 7 दिसंबर।
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में पर्यटन के लिये प्राकृतिक संसाधनो की मौजदूगी के बाद भी अभी तक पहल शून्य है। छत्तीसगढ़ के पर्यटन के नक्शे पर अपना नाम दर्ज कराने में असफल रहा सारंगढ़ अंचल प्राकृतिक धरोहर और नैसर्गिक स्थल से परिपूर्ण है। किन्तु उपेक्षित और उदासीनता का दंश झेल रहे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला को पर्यटन के नक्शे में स्थान देने के लिये किसी ने कोई प्रयास तक नहीं किया है। हीराकुंड बांध और गंगरेल बांध के जैसा वाटर स्पोर्ट्स को सारंगढ़ के केड़ार बांध, आमाकोनी बांध और किंकारी बांध में शुरू किया जाना चाहिये जिससे पर्यटकों का ध्यान सारंगढ़ अंचल की ओर आए।

वर्षों से उपेक्षित पड़ा सारंगढ़ अंचल 2 साल पहले जिला मुख्यालय का दर्जा प्राप्त करने में सफल जरूर हो गया किन्तु अभी भी यहां पर बुनियादी सुविधाओं के लिये कोई काम धरातल पर नहीं हुआ है। बात करे पर्यटन के क्षेत्र को लेकर तो सारंगढ़ अंचल प्राकृतिक धरोहर से परिपूर्ण है। यहा पर 276 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला गोमर्डा अभ्यारण्य है, जहां पर नैसर्गिक प्राकृतिक धरोहर भरा पड़ा है। साथ ही प्रमुख रूप से तीन बांध है जहां पर पानी की उपलब्धता काफी रहती है। गोमर्डा अभ्यारण्य का प्राकृतिक भ्रमण के साथ सम्लेश्वरी देवी, पोरथ मंदिर, नाथल देवी और चंद्रहासिनी देवी का धार्मिक दर्शन के साथ सारंगढ़ के बांधो में वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा प्रारंभ करने से सैलानियों का भी ध्यान सारंगढ़ अंचल की ओर रहेगा। 
सारंगढ़ अंचल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिये जाना जाता है। गोमर्डा अभ्यारण्य के स्थापना होने के कारण से यहा पर उद्योग और प्रदूषण की स्थित नहीं के बराबर है। महानदी की कलकलधारा और देवी मंदिरों का धार्मिक महत्व के साथ सिंचाई के लिये बने बड़े बांधों के साथ-साथ मिरौनी, साराड़ीह और कलमा बैराज ऐसे स्थल है जहां पर पानी की प्रचुर उपलब्धता होती है किन्तु इसका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।

केड़ार बांध, किंकारी बांध और आमाकोनी बांध के साथ महानदी के बैराजो का उपयोग करके वाटर स्पोर्ट्स की संभावनाओ पर भी गहनता से विचार कर सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। सारंगढ़ के गोमर्डा अभ्यारण्य अन्र्तगत टमटोरा तथा माड़ोसिल्ली तथा सिंचाई विभाग के केड़ार बांध में रेस्ट हाऊस अभी उपलब्ध है इसका विस्तार करते हुए आमाकोनी और किकारी का रेस्ट हाऊस का जीर्णोद्धार किया जा सकता है तथा कई ऐसे प्राकृतिक क्षेत्र है जहां पर रेस्ट हाऊस बनाकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। 

ऐसे में सारंगढ़ अंचल में वाटर स्पोर्ट्स का सुविधा देकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। प्राकृतिक दर्शनीय स्थल, प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर और वाटर स्पोर्ट्स सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के जिला मुख्यालय सारंगढ़ में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। यहां पर प्राकृतिक स्थलो और गोमर्डा अभ्यारण्य में जंगल सफारी का सफर के साथ धार्मिक मंदिरों और वाटर स्पोर्ट्स को लेकर एक चैनल बनाया जा सकता है। धार्मिक महत्व के विषय के रूप में चंद्रपुर का चंद्रहासिनी मंदिर, नाथल दाई मंदिर, सारंगढ़ का सम्लेश्वरी मंदिर और सरिया का पोरथ मंदिर को रखा जा सकता है।

वहीं प्राकृतिक धरोहर के विषय में गोमर्डा अभ्यारण्य का माड़ोसिल्ली झरना, टमटोरा का प्राकृतिक स्थल, केकड़ाखोल झरना और अभ्यारण्य में जंगल सफारी का आनंद को शामिल किया जा सकता है। वहीं वाटर स्पोर्ट्स में केड़ार बांध, किंकारी बांध, आमाकोनी बांध को शामिल किया जा सकता है जबकि अन्य गतिविधि में मिरौनी बैराज, साराडीह बैराज और कलमा बैराज को शामिल कर पर्यटन के क्षेत्र में एक मजबूत पैकेज तैयार किया जा सकता है। केड़ार, किंकार और आमाकोनी बांध में शुरू किया जा सकता है वाटर स्पोर्ट्स सारंगढ़ के बांध में सैलानियो के लिए यहां बोट राइड, बनाना राइड, रिंगो राइड, बम्फर राइड, स्कीईंग, क्याकिंग, केनोइग, वाटर स्कूटर, सर्फिंग, डीप स्वीमिंग आदि की शुरुआत हो सकती है। बांध में पर्यटकों के लिए यह सुविधा शुरू की जा सकती है। 

बेरोजगार युवाओं के लिए ये सभी बेहतर अवसर साबित होंगे। क्योंकि अब तक आसपास के जिलो में वाटर स्पोर्ट्स का कोई माहौल नहीं रहा है। वाटर स्पोर्ट्स से सैलानियों का आकर्षण भी बढ़ेगा। अब तक परिवारों के लिए पसंदीदा सैरगाह की पहचान रखनेवाले केड़ार बांध में ये एक नई शुरुआत साबित हो सकती है। खासकर सप्ताहांत यानी शनिवार और रविवार को बांध में खासी भीड़ उमड़ सकती है।


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