सारंगढ़-बिलाईगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरसींवा, 3 अगस्त। इन दिनों आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) का प्रकोप गांवों में तेजी से फैल रहा है। आई फ्लू के रोगियों की संख्या में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। इनमें सर्वाधिक संख्या स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ-साथ आसपास क्षेत्र के गांव वालों में देखा गया है।
आई फ्लू की बीमारी को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग सारंगढ़ ने लोगों को इस बीमारी से बचने संबंधी सावधानियां और उपचार के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया है।
बीएमओ डॉ. एस के खुंटे ने बताया कि यह आँख की बीमारी बरसात के दिनों में उमस और तेज धूप के साथ एकाएक बारिश होने से शुरू होती है। यह तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ लोगों में जल्दी फैल जाता है।
संक्रामक व्यक्ति को अपना बिस्तर, कपड़े , घर के अन्य सदस्यों से दूर रखना चाहिए। घर की वस्तुओं को आवश्यक न हो तो बिल्कुल भी न छुए, घर के सभी सदस्यों से दूरी बनाकर रखें। घर का कोई भी सदस्य संक्रमित नजर आए तो तुरंत उनको नेत्र विशेषज्ञ से जाकर उपचार अवश्य करवाएं। सतर्कता, सावधानी और समय पर उपचार ही इस बीमारी से बचने का तरीका है।
एक नेत्र चिकित्सक ने बताया कि आई फ्लू की वजह से आंखों में तेजी से जलन और आंखें लाल होकर आंखों से पानी निकलने लगता है। इस बीमारी को वायरल कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं। इसमें भी लगभग कोरोना प्रोटोकॉल के नियम जैसा पालन करना अनिवार्य है-हैंडवॉश, 2 फीट की दूरी, साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए, संक्रमित व्यक्ति को चश्मे का प्रयोग करना चाहिए और संक्रमित व्यक्ति का चश्मा असंक्रमित व्यक्ति उपयोग न करे। आई फ्लू में आंखों को ठंडे पानी से धोना और बर्फ की ठंडी सिकाई से राहत मिलती है। यह बीमारी बच्चों में तेजी से फैल रही है। आई फ्लू पर सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरसीवा के डॉ. मुकेश साहू ने बताया कि 15 दिनों में 200 आई फ्लू के मरीज आ चुके हैं। वर्तमान में भी स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 10 से 15 आई फ्लू के मरीज आ रहे हैं। उनका उपचार कर उन्हें घर में रहने की सलाह दी जा रही है।