राजपथ - जनपथ
ठिकाना बनाएगा या यह बाघ भी भटकेगा?
1976 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत स्थापित छत्तीसगढ़ का बार नवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। बलौदाबाजार जिले में फैला यह 245 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र मैदानी और पहाड़ी इलाकों का संगम है। यहां साल, सागौन और बांस के घने जंगल हैं, जो महानदी की सहायक नदियों जोंक और बालमदेही से सींचे जाते हैं। अभ्यारण्य में गौर, तेंदुआ, स्लॉथ बियर, चीतल, सांभर, जंगली सुअर और 150 से अधिक पक्षी प्रजातियां जैसे मोर, बुलबुल, बगुले हैं। पर्यटक इन दिनों इस सुहावने मौसम में जंगल सफारी का आनंद ले रहे हैं।
8 नवंबर 2025 को बलौदा बाजार के बार नवापारा क्षेत्र में एक बाघ फिर से दिखा। एडिशनल पीसीसीएफ मथेश्वरन के अनुसार, यह बाघ गरियाबंद जिले के सीता नदी उदंती टाइगर रिजर्व से पहुंचा है। सीसीटीवी फुटेज में कैद यह नया मेहमान अभ्यारण्य के जंगलों में इत्मीनना से विचरण करता दिख रहा है।
बाघों की मौजूदगी जैव विविधता को मजबूत करती है। दो वर्ष पहले 2023 में भी एक युवा बाघ उड़ीसा (ओडिशा) से बार नवापारा पहुंचा था। वह बिना किसी साथी मादा के भटकता रहा। वन विभाग ने उसके लिए मादा बाघ लाने का प्रयास नहीं किया, जिससे वह आगे बढ़ गया। बाद में अचानकमार टाइगर रिजर्व, अमरकंटक और शहडोल जैसे क्षेत्रों में घूमता नजर आया। बाघ अनुकूल आवास की तलाश में सैकड़ों किलोमीटर तय करने के अभ्यस्त होते हैं। मार्च 2024 में एक अन्य नर बाघ महासमुंद रूट से आया और आठ महीने तक यहां रहा, अपना इलाका बना लिया। अब यह नया बाघ अभ्यारण्य को टाइगर हॉटस्पॉट बना रहा है। मगर, बाघों का बढ़ता प्रवास जलवायु परिवर्तन, शिकार और उनके पारंपरिक ठिकाने के ह्रास का संकेत भी है। बार नवापारा यदि बाघों को सुरक्षित आश्रय लग रहा है तो क्या उन ठिकानों में उनके लिए आहार और विचरण की पर्याप्त जगह नहीं है, जहां से वे भटक रहे हैं। कहीं इस बाघ को भी सैकड़ों किलोमीटर भटकना न पड़े, जैसा पहले के बाघ ने किया। फिलहाल तो प्रकृति प्रेमियों के लिए बार नवापारा का आकर्षण बढ़ गया है, वहीं वन अफसरों और मैदानी अमले की जिम्मेदारी भी।
पुराने साथियों से परिचय

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा रायपुर आए, तो सांसद बृजमोहन अग्रवाल के घर भी गए। बृजमोहन का सिन्हा से काफी पुराना परिचय है। दोनों युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में साथ काम कर चुके हैं। सिन्हा का बृजमोहन अग्रवाल के परिवार के सदस्यों ने स्वागत किया। इस मौके पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, और रायपुर शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर भी थे। बृजमोहन ने अपने स्टाफ के सदस्यों से भी उपराज्यपाल सिन्हा का परिचय कराया। अपने निज सचिव मनोज शुक्ला का परिचय देते हुए बृजमोहन ने सिन्हा को बताया कि मनोज 35-40 साल से उनके साथ हैं। इसके बाद उन्होंने अपने ड्राइवर अर्जुन का भी परिचय कराया, और कहा कि अर्जुन भी उनके साथ 45 साल से जुड़े हैं। उपराज्यपाल ने इस पर खुशी जताई, और कहा कि उनके स्टाफ के लोग भी 40-45 साल से जुड़े हैं। एक बार साथ आए, तो फिर छोडक़र नहीं गए। सिन्हा ने पारिवारिक माहौल में सबका हालचाल लिया, और फिर अजय चंद्राकर व रमेश ठाकुर की जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर जानकारी दी। उन्हें कहा कि कश्मीर एकदम शांत है, और आप लोग निश्चिंत होकर घूमने आ सकते हैं।
हवाई मुसाफिरों को न्यू ईयर गिफ्ट

न्यू ईयर या न्यू फाइनेंशियल ईयर से अब एयर ट्रेवल्स भी ट्रेनों की तरह टिकट कैंसिल कर सकेंगे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने इस पर एक प्रस्ताव का प्रारूप अपने वेबसाइट पर जारी किया है। इस पर 30 नवंबर तक सुझाव मांगे हैं, उसके बाद अंतिम नीति जारी की जाएगी। इसे लेकर देश के प्रमुख हवाई सेक्टर छत्तीसगढ़ में भी हलचल बढ़ गई है। ट्रैवल एजेंट और यात्रियों ने अपने सुझाव, अपलोड करने लगे हैं। महानिदेशालय ने अपने ड्राफ्ट में सबसे अहम प्रस्ताव में कहा है कि अगर कोई यात्री टिकट बुक करने के बाद 48 घंटे के अंदर उसे रद्द या संशोधित करना चाहता है, तो एयरलाइन उससे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकेगी। हालांकि, अगर यात्री अपनी फ्लाइट की तारीख या समय बदलता है, तो उसे नई फ्लाइट का प्रचलित किराया देना होगा। यह सुविधा केवल उन्हीं टिकटों पर लागू होगी जो घरेलू उड़ानों के लिए बुकिंग के पांच दिन बाद या अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बुकिंग के 15 दिन बाद निर्धारित हैं। यानी इस अवधि के भीतर है, तो यात्री इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाएगा। अगर किसी यात्री के नाम की स्पेलिंग बुकिंग के दौरान गलत हो जाती है और वह इसे 24 घंटे के भीतर सुधारना चाहता है, तो एयरलाइन कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेना चाहिए। यह भी प्रस्ताव है कि क्रेडिट कार्ड से टिकट खरीदने वाले यात्रियों को टिकट रद्द होने के सात दिन के भीतर रिफंड , कैश पेमेंट पर रिफंड तुरंत, एजेंट से खरीदी टिकट का रिफंड की सारी प्रक्रिया और पेमेंट 21 कार्य दिवसों के भीतर पूरी हो जाए। यह भी प्रस्ताव है कि एयरलाइन को बुकिंग के समय कैंसिलेशन चार्जेज को स्पष्ट रूप से दिखाना चाहिए, ताकि यात्रियों को पता रहे कि कितना शुल्क कटेगा।
कैंसिलेशन चार्ज बेसिक किराए और फ्यूल सरचार्ज से अधिक नहीं वसूल सकते। एयरलाइंस रिफंड प्रोसेसिंग फीस के नाम पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूलें। विदेशी एयरलाइंस भी अपने देश के नियमों के साथ-साथ भारत के सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट के तहत रिफंड मानदंडों का पालन करना होगा। यह कदम भारत में एविएशन सेक्टर में उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में एक बड़ा सुधार साबित हो सकता है।


