राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 जून। पूर्व मंत्री रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ोत्तरी पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा धरना प्रदर्शन को एक राजनीतिकरण व नौटंकी करार दिया है।
श्री भाटिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार को वास्तविक में आम लोगों की चिंता है तो क्यों न पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वेट कम कर पेट्रोल-डीजल की कीमत कम कर देते। श्री भाटिया ने कांग्रेस सरकार को घेरते कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों पर जो बढ़ोतरी हुई है, उसका केंद्र व राज्य सरकार का बंटवारा यह है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर खर्चा निकालने के बाद 40 प्रतिशत राज्य सरकार व 60 प्रतिशत केंद्र सरकार को जाता है। वित्त मंत्रालय के नियमानुसार उसी 60 प्रतिशत में से 42 प्रतिशत राज्य सरकार को पुन: मिलता है। इस प्रकार राज्य सरकार को 65.2 प्रतिशत मिलता है और केंद्र सरकार को 34.8 प्रतिशत जाता है। अगर छग कांग्रेस सरकार को आम आदमी के जेब की इतनी चिंता है तो छत्तीसगढ़ में वेट कम करके पेट्रोल और डीजल के दामों को कम किया जा सकता है। वर्ष 2017-18 में बढ़ते पेट्रोल व डीजल के दामों को ध्यान में रखते तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के सरकार में 4 प्रतिशत वेट को कम कर दिया गया था। जिससे आम लोगों को उचित मूल्य पर डीजल व पेट्रोल मिल सके, किंतु छत्तीसगढ़ की कांग्रेस भूपेश सरकार राजस्वहित की बात कहकर सब्सिडी खत्म कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार स्वयं ही नहीं चाहती कि पेट्रोल व डीजल के दामों में कमी हो।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार अपनी घडिय़ाली आंसू न बहाकर आम लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते पेट्रोल व डीजल की वेट को कम करे। जिससे सही दामों पर आम आदमी को पेट्रोल और डीजल मिल सके।