राजनांदगांव

निजी पृष्ठभूमि और नक्सल बिन्दु पर पुलिस अब भी तलाश में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 जून। जिले के औंधी क्षेत्र के एक जंगल से माहभर से लापता कांकेर जिले के कोड़ेखुरसे थाना के सहायक आरक्षक मनोज नेताम को लेकर नक्सलियों ने कथित नक्सल पर्चा फेंककर हत्या करने का दावा किया है। 28 अप्रैल से मोटर साइकिल में राजनांदगांव के सरहदी गांव में दाखिल हुए इस जवान की पुलिस अब तक तलाश कर रही है। जवान के गायब होने के कारण पुलिस के होश उड़ गए। नक्सल क्षेत्र होने के कारण पुलिस ने अपहरण की आशंका जताई। जांच के लिए राजनांदगांव-कांकेर पुलिस अलग-अलग स्तर पर टीम बनाकर अब भी जुटी हुई है।
बताया जा रहा है कि मनोज नेताम की मोटर साइकिल के पास नक्सल पर्चे मिले थे, जिसमें नक्सलियों द्वारा अगुवा किए जाने का जिक्र था। इधर एक और नक्सल पर्चा फेंककर नक्सलियों ने हत्या करने का दावा किया है। राजनांदगांव-कांकेर बार्डर डिवीजन कमेटी के प्रवक्ता विकास की ओर से जारी इस तथाकथित पर्चे में मनोज नेताम का गोरिल्ला दस्ता द्वारा अपहरण किए जाने की बात लिखी गई है। वहीं मनोज नेताम पर पुलिस में भर्ती होने से पहले मुखबिर होने का आरोप लगाते नक्सलियों के खिलाफ काम करने का भी जिक्र है। उस पर लोगों से पैसा वसूलने और नक्सलियों के विरूद्ध मुखबिर तंत्र तैयार करने का आरोप भी लगा है।
नक्सलियों ने पर्चे में इस बात को लेकर अफसोस जाहिर किया है कि सुरक्षा कारणों से अपहृत जवान का शव परिजनों को नहीं दिया गया है। इस पर्चे में नक्सलियों ने कुछ और बिन्दुओं को जोड़ा है। दोनों जिलों की पुलिस जांच में अब तक जवान के गुमशुदगी से जुड़े कोई भी प्रमाणित दस्तावेज नहीं मिले हैं। पुलिस गुम आरक्षक के निजी जीवन से जुड़े पहलुओं को आधार बनाकर जांच कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि आरक्षक के गायब होने के पीछे गांव के लोगों की भूमिका भी हो सकती है। पुलिस सभी तरह के बिन्दुओं पर जांच कर रही है।