राजनांदगांव

विपक्षी दल भाजपा में दिखने लगी दरारें
05-Jun-2021 12:02 PM
विपक्षी दल भाजपा में दिखने लगी दरारें

   मंत्रियों से मिलने वाले बयान पर नेता प्रतिपक्ष को उनके ही पार्षदों ने घेरा   

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 5 जून।
राजनांदगांव नगर निगम की विपक्षी पार्टी भाजपा में दरारें बढऩे लगी है। नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु के महापौर के साथ मंत्रियों से मिलने वाले बयान को लेकर पार्टी के पार्षदों ने सख्त आपत्ति जताई है। भाजपा पार्षदों ने पूरे बयान को नेता प्रतिपक्ष के व्यक्तिगत बयान से जोड़ दिया है। भाजपा पार्षद दल की एकता पिछले कुछ दिनों से खंडित होती दिख रही है। पार्षदों को नेता प्रतिपक्ष का  यह बयान नागवार गुजरा और पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने बयान जारी कर ऐतराज जताया है। शहर विकास के मामले को लेकर बीते दिवस नेता प्रतिपक्ष श्री यदु ने महापौर के साथ प्रदेश सरकार के मंत्रियों से  मिलने संबंधी एक बयान जारी किया था। उनका यह बयान सुनकर भाजपा पार्षद दल बिफर गया है। 

प्रवक्ता वर्मा का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष के बयान से पार्षद दल का कोई लेना-देना नहीं है। उनका यह व्यक्तिगत विचार है। बात साफ है कि विपक्षी पार्टी में आपसी खींचतान मची हुई है। यहां यह बता दें कि शिव वर्मा  नेता प्रतिपक्ष के मनोनयन के बाद से ही नाराज चल रहे हैं। वर्मा नगर निगम की राजनीति में काफी वरिष्ठ हैं। हालांकि उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा। वर्मा के नेता प्रतिपक्ष रहते प्रशासन ने एक मामले में उनके कक्ष में छापामार कार्रवाई भी की थी। हालांकि तत्कालिन कांग्रेस के सत्तारूढ़ के नेताओं ने मामले में नरमी दिखाते हुए उन्हें बड़ी कार्रवाई से बचा लिया। उधर वर्मा को इस बात की नाराजगी है कि वरिष्ठ होने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष का दायित्व उन्हें नहीं मिला। इसलिए वह पहली बार पार्षद चुने गए यदु के नेतृत्व में काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं। वह नेता प्रतिपक्ष के कार्यप्रणाली को लेकर काफी नाराज हैं। 

इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष श्री यदु ने 'छत्तीसगढ़' से कहा कि मुख्यमंत्री अथवा मंत्री समूचे राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए संसदीय व्यवस्था के तहत कोई भी दल का व्यक्ति उनसे मिलकर अपनी बात रख सकता है और बात जब शहर विकास से जुड़ी हो तो जनता के हितों को सर्वोपरि मानकर समस्याओं को रखा जा सकता है। इसमें कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी संगठन से शिव वर्मा के बयान को लेकर आपत्ति करेंगे। इस बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरने से पहले भाजपा पार्षद दल में ही तकरार बढऩे लगी है। आपसी खींचतान से शहर विकास के मुद्दों पर मुखर होने का दावा भी गुटबाजी के चलते फीका होता दिख रहा है। 


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