राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 जून। मोदी सरकार के सफलतम 7 वर्ष पूर्ण होने पर बौखलाए कांग्रेस विधायक, महापौर एवं उनके जिलाध्यक्ष का संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस उनकी खीझ, झल्लाहट और खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे के तर्ज पर लिया गया प्रेस कान्फ्रेंस था, क्योंकि पूरे प्रेस कान्फे्रंस में मोदी सरकार की विफलता पर न तो कोई आधारयुक्त तर्क था और न ही तथ्यों में कोई प्रमाणिकता थी।
जिला भाजपा प्रवक्ता रविन्द्र सिंह ने उक्त प्रेस कान्फ्रेंस की आलोचना करते कहा कि जिन आरोपों को कांग्रेस के इतने सारे जनप्रतिनिधि एकत्रित होकर लगा रहे थे, उसका एक बार वे स्वयं विश्लेषण कर लेते तो उनको लगता कि वे मोदी सरकार पर नहीं, अपितु अपनी ही सरकार की असफलता गिनाने आये थे, जिस गंगा मैया के नाम पर राजनीतिक लाभ लेने की पवित्रता-अपवित्रता पर कांग्रेस आरोप लगा रही थी। उस समय शायद वे हाथ में कांग्रेस के संकल्प पत्र में शराबबंदी करने के दावे को भूल गए थे।
उसी गंगा जल की कसम को त्याग कर आज ऑनलाइन और अब तो दारू भट्टी और बार को खोलकर शराब के व्यापारी होने की प्रामाणिकता को जग जाहिर करवा लिए।
प्रवक्ता श्री सिंह ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य पर मोदी सरकार पर आरोप लगाने से पहले उन्हें यह भी जानकारी रख लेना चाहिए था कि बिना बोले ही मोदी ने किसान सम्मान योजना के तहत 6000 रुपए प्रतिवर्ष देने का निर्णय लिया है और कांग्रेस के प्रेस कान्फ्रेंस के कुछ दिन पूर्व 14 मई को ही मोदी ने 19 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं।
जिससे 9.5 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है। खुद छत्तीसगढ़ के 26 लाख 206 किसानों को 520 करोड़ रुपए आठवीं किस्त के रूप में प्राप्त हुई है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद के कच्चे माल में वृद्धि के बावजूद खाद में 140 प्रतिशत की सब्सिडी मोदी ने दी है। जबकि छत्तीसगढ़ की सरकार आज भी ऊंचे दर पर खाद देकर किसानों का शोषण कर रही है।