राजनांदगांव
आवेदन नहीं लिए जाने से खफा परिजन मिट्टी तेल लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 1 जून। जिले के दिवंगत पंचायत शिक्षाकर्मियों के रिश्तेदार पिछले छह साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए अफसरों का चक्कर लगा रहे हैं। अफसरों के हील-हवाला पूर्ण रवैये से तंग छुईखदान ब्लॉक की कुछ पीडि़त महिलाओं ने मंगलवार को मिट्टी तेल लेकर कलेक्टोरेट में धावा बोल दिया।
बताया जा रहा है कि दिवंगत पंचायत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों के लिए राज्य सरकार ने 10 प्रतिशत कोटा तय किया है। शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के लिए बीएड, डीएड और टीईटी की अनिवार्यता भी तय कर दी है। जिसके चलते इस बाध्यता को हटाने के लिए लगातार पीडि़त परिजन आवाज उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि 2015 से दिवंगत पंचायत शिक्षाकर्मी की पत्नियां एवं अन्य रिश्तेदार अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की सरकार से गुजारिश कर रहे हैं। सरकार ने नियम-शर्तों से नियुक्ति दिए जाने का फरमान दिया है। इसी मुद्दे को लेकर आज महिलाओं ने फिर से कलेक्टोरेट परिसर में आवाज उठाई। पीडि़त परिजनों की मांग है कि शर्तों को तत्काल हटाकर परिजनों की मांग को पूरी करनी चाहिए।
इस संबंध में छुईखदान ब्लॉक की राजकुमारी दुबे और माधुरी मिलगे ने बताया कि अफसरों की तानाशाही रवैये के कारण परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है। कई बार सरकार से पाबंदियों को हटाने की अपील की गई है। यही कारण है कि आज अपनी मांगों के लिए मिट्टी तेल लेकर आने के लिए मजबूर होना पड़ा। सरकार कोरोनाकाल में मृत शिक्षकों के लिए एक ओर रियायतें दे रही है। वहीं पंचायत शिक्षाकर्मियों के परिजनों की जरूरत को दरकिनार किया जा रहा है।