राजनांदगांव
विधायकों, महापौर और संगठन प्रमुखों ने कहा-जुमलेबाजी में ही बिताया समय
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 1 जून। केंद्र की मोदी सरकार के 7 साल के कार्यकाल को असफल करार देते राजनांदगांव महापौर और विधायकों के अलावा संगठन के प्रमुख नेताओं ने भारत में बढ़ते निजीकरण को लेकर चिंता जाहिर की है। भाजपा द्वारा 7 साल के कार्यकाल को उपलब्धिभरा बताने से नाराज महापौर हेमा देशमुख, विधायकद्वय दलेश्वर साहू, इंद्रशाह मंडावी, भुनेश्वर बघेल, छन्नी साहू और प्रदेश महासचिव शाहिद भाई, थानेश्वर पटिला तथा जिलाध्यक्ष पदम कोठारी ने केंद्र सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाई।
मंगलवार को प्रेसवार्ता में सभी ने एक स्वर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह दोनों लोकतंत्र के खात्मे पर आमादा है। यह पार्टी सिर्फ दो लोगों तक सीमित रह गई है। गैर भाजपा राज्य सरकारों को पैसे और सत्ता की ताकत के बूते आर्थिक परेशानी खड़ा करने का भी केंद्र सरकार षडयंत्र कर रही है। सभी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का पूरा बंटाधार कर दिया है। बेरोजगारी चरम पर है। वहीं लोगों से रोजगार भी छीना जा रहा है। कांग्रेसियों ने आरोप लगाते कहा कि संकल्प पत्र के प्रमुख वादों को केंद्र सरकार भूल गई है। घुसपैठ को लेकर मोदी सरकार ने बड़े वायदे किए थे, आज चीन सीमा पर नजरें गड़ाये बैठा हुआ है। प्रधानमंत्री इस मामले में संसद में गलत जानकारी देकर देश को गुमराह कर रहे हैं। कृषि और किसान कल्याण के वादों में भाजपा 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने का दावा करती है, लेकिन हकीकत यह है कि खराब नीतियों की वजह से देश का किसान दिन-ब-दिन गरीब होता जा रहा है। मेक-इन-इंडिया को लेकर भी प्रधानमंत्री ने बड़े-बड़े वायदे किए। आज भारत को बांग्लादेश जैसे छोटे देश से दवाईयां तक मंगानी पड़ी। ऑक्सीजन भी विदेश से लाया गया। भारत वैक्सीन निर्माता के रूप में विश्व में सबसे बड़ा देश था, लेकिन देश के लोगों को जरूरत पडऩे पर विदेशी कंपनियों का मुंह ताकना पड़ा। स्वस्थ भारत को लेकर भी कांग्रेसियों ने तीखी आलोचना करते कहा कि भाजपा को इस बात पर शर्मिंदा होना चाहिए कि उनके नेता नरेन्द्र मोदी की कुप्रबंधन से भारत कोरोना की मार झेल रहा है। कोरोना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चेतावनी भी दी गई, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी नमस्ते ट्रम्प करते रहे।
कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश की चुनी गई कांग्रेस सरकार को गिराने में लगे रहे। पार्टी नेताओं का मानना है कि 7 वर्ष के कार्यकाल को काले अध्याय के रूप में देखा जाएगा। तीन वर्ष में प्रधानमंत्री के पास देश की भलाई के लिए न कोई कार्ययोजना थी और न ही भविष्य के लिए कोई ठोस नीति। पत्रकारवार्ता में पूर्व विधायक भोलाराम साहू, आसिफ अली, रूपेश दुबे अन्य लोग उपस्थित थे।