राजनांदगांव

केंद्र सरकार किसानों को पेंशन व बिना ब्याज एक लाख का ऋण योजना करें लागू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 मई। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने केंद्र की भाजपा सरकार के 7 वर्ष पूरे होने पर कहा कि यह वह सरकार है, जो अपने संकल्प पत्र को भी पूरा नहीं कर पा रही है। महंगाई पर रोक पर बेबस होकर कोरोना संक्रमण के दौर ने तो केंद्र सरकार की पूरी पोल खोल कर रख दी है। अच्छे दिन का नारा देने वाली भाजपा के लिए अब देश की जनता सिर्फ एक ही नारा लगा रही है, कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन।
महामंत्री शाहिद ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र सरकार ने सीधे तौर पर किसानों के साथ अन्याय किया है। अंतर मंत्रालयीन समिति के गठन के बाद भी 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने की दुहाई देने वाली केंद्र सरकार ने कोई कार्ययोजना सार्वजनिक नहीं कर सकी। 60 वर्ष के छोटे किसानों को पेंशन देने की बात भी भाजपा ने कर सिर्फ किसानों को टेंशन देने का काम किया है। साथ ही किसानों को एक लाख तक ऋण 5 वर्ष के लिए बिना ब्याज देने की बात की, उसका भी अता-पता नहीं है। कृषि कानून को लागू कर कृषि और कृषकों के साथ जो अन्याय किया गया है, वह काला अध्याय है। वर्तमान में कृषि में उपयोग आने वाली रासायनिक उर्वरकों के दामों में 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि कर जो कृषि को बर्बाद करने का फरमान जारी किया था, चौतरफा विरोध होने के कारण सरकार को अपने निर्णय में परिवर्तन करना पड़ा, लेकिन सरकार का निर्णय किसानों के हित में नहीं, बल्कि इस कोरोना संक्रमण काल में किसानों को मिलने वाली उर्वरक के जो दाम पूर्व में थे, उससे 50 प्रतिशत की छूट की दर पर किसानों को खाद दिलवा दे, जैसे 1200 की डीएपी को 600 में दिलवाए। जिससे किसानों की लागत कम होकर आय बढ़ेगी, लेकिन केंद्र सरकार किसानों को गुमराह करने का ही काम कर रही है।
शाहिद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सूर्यास्त के बाद अंधकार के साए में शपथ लेकर देश को अंधकार में ले जाने का ताना-बाना 30 मई 2019 को ही बुन दिया था, जो आज वास्तविक प्रमाणित है। पूरी भाजपा और केंद्र सरकार आज देश के युवा नेतृत्व कांग्रेस व राहुल गांधी की छवि खराब करने में लगे हुए हैं। जिसके लिए उन्होंने टूलकिट जैसे मकडज़ाल बुना, लेकिन उस जाल में खुद भाजपा फंस गई है। अब सत्ता का दुरुपयोग कर उस मामले से बचने के लिए कर रही है।
शाहिद ने कहा कि भाजपाई छग के मुख्यमंत्री से सीखे की घोषणा पत्र पर कैसे अमल किया जाता है, जिन्होंने मात्र 2 वर्ष में 36 में से 24 घोषणा को पूरा किया है। वहीं भाजपा 7 वर्ष में चुनावी घोषणा पत्र, जिसे संकल्प पत्र का नाम दिया गया था, उसे पूरा करने में असफल है।