राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 अगस्त। शासकीय पालिटेक्निक महाविद्यालय खैरागढ़ में छात्रों को सायबर अपराधों से सतर्क रहने जागरूक किया गया। सायबर सेल द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन, डिजिटल अरेस्ट, सोशल मीडिया, एपीके फाइल फॉड, गेमिंग एप्स, शेयर टेड्रिंग फ्रॉड से जुड़े खतरों पर जागरूक किया गया। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को सायबर सिक्योरिटी संबंधी जानकारी दी गई।
मिली जानकारी के अनुसार खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की पुलिस टीम द्वारा सायबर जागरूकता को लेकर जिले में लगातार प्रभावशाली अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में 27 अगस्त को सायबर सेल टीम द्वारा शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय खैरागढ़ पहुंचकर छात्र-छात्राओं को इंटरनेट की सुरक्षित उपयोगिता और सायबर अपराधों से बचाव के गुर सिखाए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकगण मौजूद थे।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों को बताया गया कि सोशल मीडिया जितना उपयोगी है, उतना ही सतर्कता से इसका प्रयोग करना भी जरूरी है। अनजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करने, निजी फोटो-वीडियो साझा न करने और पर्सनल जानकारी किसी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर साझा करने से बचने की सलाह दी गई। सोशल मीडिया प्रोफाइल की क्लोनिंग कर ठगी करने वाले सायबर अपराधियों की सक्रियता के उदाहरण भी विद्यार्थियों को समझाए गए। व्हाट्सएप व अन्य सोशल साईट पर पर टू स्टेप वेरिफिकेशन को अनिवार्य रूप से एक्टिव रखने की सलाह देते बताया कि यह सुरक्षा की पहली दीवार है। जिससे किसी अन्य को आपके अकाउंट का गलत उपयोग करने से रोका जा सकता है।
छात्रों को बताया गया कि सायबर ठग आज-कल अनजान लिंक, फर्जी ईमेल और पेमेंट ऐप्स के माध्यम से धोखाधड़ी करते हैं, इसलिए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और अज्ञात स्रोत से आए कोड़ या लिंक को स्कैन न करें। ऑनलाइन पेमेंट करते समय कभी भी अपनी क्यूआर कोड, ओटीपी या बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें। गेमिंग ऐप्स के जरिये हो रहे मानसिक शोषण, आर्थिक ठगी और बच्चों को हिंसक प्रवृत्तियों में ढकेलने वाले ऑनलाइन गेम्स के खतरे के बारे में बताया गया। साथ ही फ्री रिवॉर्ड, लेवल पास करने के नाम पर डेबिट, क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगने वाले गेम्स से दूर रहने की सलाह दी और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे ये जानकारियां अपने माता-पिता और परिजनों तक भी पहुंचाएं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य एवं अन्य शिक्षकों ने इस कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताते कहा कि आज के दौर में जब हर व्यक्ति इंटरनेट और मोबाइल से जुड़ा है, ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए न सिर्फ प्रासंगिक हैं, बल्कि समय की आवश्यकता भी है। महाविद्यालय के स्टॉफ ने जिला पुलिस के इस प्रयास की सराहना करते भविष्य में भी इस तरह के सत्र आयोजित करने की मांग की। कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने भी सायबर अपराधों से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे। जिनका साइबर सेल टीम द्वारा सरल भाषा में उत्तर दिया गया। इस पहल से महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं में डिजिटल सुरक्षा को लेकर एक नई जागरूकता दिखाई दी।


