राजनांदगांव
बिजली कर्मियों ने सोलर प्लांट स्थापित कराने लिया संकल्प
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 अगस्त। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी राजनांदगांव क्षेत्र के पार्रीनाला स्थित क्षेत्रीय प्रशासनिक भवन में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। विद्युत कर्मियों के लिए आयोजित कार्यशाला में भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधि एवं विभिन्न सौलर सयंत्र के संचालकों ने हिस्सा लेकर इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर लगभग 18 अधिकारी-कर्मचारियों ने मौके पर प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से सौर सयंत्रों के लिए आनलाइन आवेदन कर अपना पंजीयन कराया।
कार्यशाला में राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक शिरीष सेलट ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की यह योजना उपभोक्ताओं को हॉफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली की ओर ले जाने वाली स्कीम है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में घर-घर रूफटॉफ सोलर पॉवर प्लांट स्थापित कर लोगों को प्रदूषण मुक्त, मुफ्त और निरंतर बिजली देने की परिकल्पना की गई है। इसके माध्यम से प्रत्येक उपभोक्ता को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर उनके मासिक खर्चों में भी उल्लेखनीय कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत पात्रता रखने वाले सभी नागरिक जिनके पास वैध बिजली कनेक्शन और उपयुक्त छत है, वे इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। इससे न सिर्फ बिजली बिलों का झंझट समाप्त होगा, बल्कि यदि आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन होता है, तो उसे ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी ली जा सकती है। केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से डबल सब्सिडी सयंत्र लगने के 1 महीने के भीतर सीधे बैंक खाते में प्राप्त हो जाता है। एक बार सौर पैनल की स्थापना के बाद 20-25 वर्षों तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी।
कार्यशाला में सौर सयंत्र के संचालकों ने बताया कि रूफटॉफ सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम 108000 रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के तहत 1 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट से प्रतिमाह औसतन 120 यूनिट बिजली उत्पादन होता है, जिस पर 30 हजार रुपए केंद्र से व 15 हजार राज्य से कुल 45 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है। उपभोक्ता को लगभग 15 हजार स्वयं वहन करने होते हैं और यह प्लांट प्रति माह 120 यूनिट के हिसाब से लगभग 600 रुपए की बिजली उत्पन्न करती है। जिससे उपभोक्ता अपने घर में लगने वाले सोलर प्लांट का पूरा खर्चा 2 से 3 वर्ष में ही निकाल सकते हैं।
इसी प्रकार 2 किलोवाट प्लांट के लिए प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर 90 हजार तक कुल सब्सिडी 60 हजार रुपए केंद्र व 30 हजार रुपए राज्य से मिलती है। उपभोक्ता को केवल 30 हजार रुपए खर्च करना होता है और यह प्लांट प्रति माह 240 यूनिट के हिसाब से लगभग 1300 रुपए की बिजली उत्पन्न करती है। जिससे उपभोक्ता अपने घर में लगने वाले सौलर प्लांट का पूरा खर्चा 2 से 3 वर्ष में ही निकाल सकते हैं। 03 किलोवॉट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है और इसमें 7000 रुपए केंद्र व 30000 रुपए राज्य यानी कुल 108000 की सहायता मिलती है। उपभोक्ता को केवल 72000 वहन करना पड़ता है और यह प्लांट प्रति माह 360 यूनिट के हिसाब से लगभग 3100 रुपए की बिजली उत्पन्न करती है। जिससे उपभोक्ता अपने घर में लगने वाले सौलर प्लांट का पूरा खर्चा 2 से 3 वर्ष में ही निकाल सकते हैं।भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक जगवेन्द्र कामता ने बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत उपभोक्ता सोलर प्लांट का केवल 10 प्रतिशत डाउन पेमेंट देकर 6 प्रतिशत ब्याज दर से 90 प्रतिशत लागत राशि को अधिकतम 10 वर्ष के लिए फाइनेंस कर सकते हंै
केंद्र और राज्य शासन की सब्सिडी राशि खाता में आते अन्तर की राशि को फाइनेंस किया जा सकेगा। भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधि एवं सभी सोलर सयंत्र के संचालकों ने उपस्थित विद्युत कर्मियों के इस स्कीम के सभी पहलुओं से रूबरू कराते सभी सवालों के जवाब भी दिए। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य अभियंता मंगल तिर्की, अधीक्षण अभियंता शंकेश्वर कंवर, केसी खोटे, कार्यपालन अभियंता मुकेश साहू, बीरबल उइके, गीता ठाकुर, रविकांत शर्मा, आलोक दुबे सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित हुए। कार्यशाला का संचालन पब्लिसिटी ऑफिसर धर्मेन्द्र शाह मंडावी ने किया।


