राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 अगस्त। बारिश थमने के बाद उमस और गर्मी से लोगों की सेहत बिगड़ रही है। सर्दी, खांसी के साथ-साथ बुखार और अन्य शारीरिक परेशानियों से लोग जूझ रहे हैं। बीमार लोग अस्पताल में उपचार के लिए चक्कर काट रहे हैं।
शहर के निजी अस्पतालों में सर्दी, जुकाम से त्रस्त लोगों की भीड़ दिख रही है। जुलाई और अगस्त के महीने में गर्मी से उमस ने लोगों को परेशान कर रखा है। खासतौर पर कम उम्र के बच्चों को सर्दी, खांसी ने घेर लिया है। उम्रदराज लोगों को भी जुकाम के साथ-साथ बुखार ने जकड़ रखा है। बदलते मौसम के साथ सेहत में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। मौसमी बीमारी के चलते निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतार दिख रही है। कहीं-कहीं वायरल की शिकायतें हैं। सिर और बदन दर्द के साथ बुखार से लोग ग्रस्त हैं। इसके लिए चिकित्सक मौसम को दोषी ठहरा रहे हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि खानपान के साथ-साथ पेयजल की शुद्धता पर भी ध्यान देना इस मौसम में जरूरी है। शहर में नगर निगम द्वारा मटमैला पानी की सप्लाई भी की जा रही है। यह भी लोगों को बीमार करने का कारण बनी है। चिकित्सक मरीजों को पेयजल को उबालकर पीने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही ताजा भोजन और ताजे फल का सेवन करने पर भी जोर दे रहे हैं। शहर के सरकारी अस्पतालों में सर्दी-खांसी ग्रस्त रोगी कतार में इलाज के लिए इंतजार कर रहे हैं। बारिश थमने के बाद मौसम ने भी अपना मिजाज बदला है। तेज धूप पड़ते ही उमस ने लोगों को बेचैन कर रखा है। जून और जुलाई के महीने में उमस पूरे शबाब पर है। बताया जा रहा है कि तेज धूप पडऩे की वजह से मौसम में गरमाहट आई है।
मरीजों के लिए चिकित्सकों की सलाह
शहर के सरकारी चिकित्सकों ने मरीजों के लिए कई अहम सुझाव दिए हैं। नौनिहालों के लिए इस मौसम को प्रतिकूल बताया है। यानी छोटे बच्चों को सर्दी-खांसी से बचाने के लिए चिकित्सकों ने गर्म भोजन से लेकर स्वच्छ पानी और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। इस संबंध में शहर के चिकित्सक डॉ. प्रकाश खूंटे का कहना है कि यह मौसम बहुत ही संवेदनशील है। वातावरण में नमी होने के कारण संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि गीले कपड़े को पूरी तरह से सूखाकर पहनने के अलावा खानपान गर्म होने पर भी ध्यान देना जरूरी है। इसके अलावा घरों में सफाई के साथ-साथ संक्रमित रोगियों से दूर रहना भी जरूरी है।


