राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 जुलाई। बिहार के गया स्थित बौद्ध मठ को विशुद्ध रूप से बौद्ध धर्मावलंबियों को एकाधिकार दिलाने के लिए महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन के आज अंतिम दिन बौद्ध अनुयायियों ने जिला कार्यालय से रैली निकालकर अपना प्रदर्शन किया। बौद्ध अनुयायियों ने रैली में नारेबाजी करते 1949 बीटी एक्ट को समाप्त करने तथा पूर्ण रूप से बौद्धगया मठ को बौद्ध धर्मगुरूओं के हवाले करने की मांग किया।
स्थानीय कलेक्टोरेट परिसर के सामने 1 जुलाई से शुरू हुए धरना के आज अंतिम दिन प्रदर्शनकारियों और सामाजिक अनुयायियों ने समाज की ओर से केंद्र और राज्य सरकार से गैर बौद्ध समाज के मठ में बढ़ते अतिक्रमण को तत्काल खत्म करने तथा बौद्ध धर्मगुरूओं को मठ की जिम्मेदारी प्रदान करने के लिए आवाज उठाया। प्रदर्शन कर रहे बौद्ध भिक्षुओं और सामाजिक लोगों का कहना है कि बौद्धगया मठ समाज की धरोहर है। यहां गैर बौद्ध समाज के लोगों की दखल पूरी तरह से खत्म होनी चाहिए। बोधगया टेंपल एक्ट 1949 को असंवैधानिक कानून बताते इस कानून को निरस्त करने की मांग को लेकर बौद्ध समाज ने रैली निकाली।


