राजनांदगांव

जयंती पर सुंदरा में साहित्यिक परिचर्चा व काव्य गोष्ठी
30-Jul-2025 4:44 PM
जयंती पर सुंदरा में साहित्यिक परिचर्चा व काव्य गोष्ठी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 जुलाई।
ग्राम सुंदरा में साकेत साहित्य परिषद द्वारा कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद व संत कवि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर साहित्यिक परिचर्चा एवं श्रावणी काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छग राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक व कवि आत्माराम कोशा व अध्यक्षता साहित्यकार कुबेर सिंह साहू ने की।

इस अवसर पर साहित्य परिषद के अध्यक्ष ओमप्रकाश ने प्रासंगिक विषय पर आधार वक्त प्रस्तुत करते दोनों मूर्धन्यजनों की कृतियों को कालजयी और समाजोपयोगी बताया। कवि वीरेंद्र तिवारी ने संत कवि तुलसीदास के दोहे-चौपाईयों पर कुछ विरोधी मत रखने वालों को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि आत्माराम कोशा ने कहा कि हर कवि साहित्यकार अपने तत्कालीन समाज की उपज होता है। तुलसी दास  के समय में मुगलों की गुलामी झेल रहे समाज और कर्तव्य विमुख हो चुके लोगों को जगाने उन्होंने लोक भाषा अवधी में श्री रामचरित मानस की रचना की। संत कवि तुलसीदास के पाठक आमजन सहित पढ़ें लिखे लोग, विद्वत समाज सभी जन हैं। जबकि प्रेमचंद के पाठक बौद्धिक वर्ग के लोग है।
 विशिष्ट अतिथि गिरीश ठक्कर स्वर्गीय ने गोस्वामी तुलसीदास बनाम प्रेमचंद की बात कही। इस दौरान डॉ. चंद्रशेखर शर्मा,  कवि मानसिंह,  कवि महेंद्र कुमार बघेल, अलग राम यादव ने अपने-अपने विचार रखे।  संचालन  लखन लाल साहू ने किया। उक्त जानकारी  कवि लखनलाल साहू ने दी।


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