राजनांदगांव

मठ धर्मगुरूओं को सौंपने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी
30-Jul-2025 4:11 PM
मठ धर्मगुरूओं को सौंपने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी

1949 बीटी एक्ट समाप्त करने बौद्ध भिक्षुओं का प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 30 जुलाई। बिहार के गया स्थित बौद्ध मठ को विशुद्ध रूप से बौद्ध धर्मावलंबियों को एकाधिकार दिलाने के लिए महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन में राज्यभर के बौद्ध अनुयायी सिलसिलेवार धरना में शामिल हो रहे हैं। राज्य स्तरीय आंदोलन में राजनांदगांव में एक जुलाई से प्रारंभ हुई है। कल 31 जुलाई तक अलग-अलग क्षेत्रों के बौद्ध अनुयायी धरना में शामिल हो रहे हैं। आंदोलन के जरिये बौद्ध भिक्षु और अनुयायी महत्वपूर्ण रूप से 1949 बीटी एक्ट को समाप्त करने तथा पूर्ण रूप से बौद्धगया मठ को बौद्ध धर्मगुरूओं के हवाले करने की मांग कर रहे हैं।

स्थानीय कलेक्टोरेट परिसर के सामने 1 जुलाई से शुरू हुए धरना में समाज की ओर से केंद्र और राज्य सरकार से गैर बौद्ध समाज के मठ में बढ़ते अतिक्रमण को तत्काल खत्म करने तथा बौद्ध धर्मगुरूओं को मठ की जिम्मेदारी प्रदान करने के लिए आवाज उठा रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे बौद्ध भिक्षुओं और सामाजिक लोगों का कहना है कि बौद्धगया मठ समाज की धरोहर है। यहां गैर बौद्ध समाज के लोगों की दखल पूरी तरह से खत्म होनी चाहिए। ऑल इंडिया बौद्धिष्ठ फोरम छत्तीसगढ़ के बैनर तले समाज के अलग-अलग विंगों के प्रमुखों ने आंदोलन को सहमति दी है। 

 

इस आंदोलन में प्रतिदिन 12 घंटे सुबह 6 से शाम 6 बजे तक बौद्ध भिक्षु और समाज के अनुयायी शामिल हो रहे हैं।

बोधगया टेंपल एक्ट 1949 को असंवैधानिक कानून बताते इस कानून को निरस्त करने की मांग को लेकर संवैधानिक तरीके से बौद्ध समाज द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम, छत्तीसगढ़ भिक्खु संघ, भारतीय बौद्ध महासभा, बौद्ध कल्यण समिति एवं महिला सशक्तिकरण संघ के बैनर तले उक्त आंदोलन चलाया जा रहा है। प्रतिदिन धरना स्थल पर पहले प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है। जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल होकर बुद्ध वंदना करते हैं और इसके बाद फिर धरना प्रदर्शन शुरू किया जाता है।

 


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