राजनांदगांव

फेडरेशन ने कान पकड़वाने की घटना को बताया नियम विरूद्ध
08-Jul-2025 4:35 PM
फेडरेशन ने कान पकड़वाने की घटना को बताया नियम विरूद्ध

मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनंादगांव,  8 जुलाई।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन राजनांदगांव ने कवर्धा कलेक्टर की कथित अनुचित व्यवहार के खिलाफ  अपना विरोध दर्ज कराया है। फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल के  जिला संयोजक  सतीश ब्यौहरे और जिला महासचिव पीआर झाड़े के नेतृत्व में जिला कार्यालय राजनांदगांव पहुंचकर राजनांदगांव कलेक्टर को मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री  के नाम से ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कवर्धा कलेक्टर द्वारा कर्मचारियों को कान पकड़वाने की घटना को सिविल सेवा आचरण नियम और मानवाधिकार के विरुद्ध बताया गया है तथा संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई।

फेडरेशन के पदाधिकारीयों के अनुसार 3 जुलाई को जिला पंचायत और समग्र शिक्षा कार्यालय कवर्धा में निरीक्षण के दौरान बारिश के चलते कुछ मिनट देर से पहुंचे कर्मचारियों को कवर्धा कलेक्टर द्वारा सार्वजनिक रूप से कान पकड़वाया गया। यह कृत्य कर्मचारियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है। फेडरेशन ने कहा कि विलंब पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान पहले से ही है,  लेकिन इस तरह सार्वजनिक अपमान करना संविधान और सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन है।
कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करने की अपील फेडरेशन के जिला संयोजक सतीश ब्यौहरे एवं जिला महासचिव पीआर झाड़े ने सभी कर्मचारी-अधिकारियों से अपने पदीय दायित्वों का ईमानदारी से पालन करने और समय पर कार्यालय पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा है कि हम जिम्मेदार पद पर हैं और समाज हमसे अनुशासन की अपेक्षा करता है, लेकिन प्रशासन को भी कर्मचारियों के आत्मसम्मान का ध्यान रखना चाहिए।
ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला संयोजक सतीश ब्यौहरे, जिला महासचिव पीआर झाड़े, संतोष चौहान,  अरुण देवांगन, महेश साहू, दिलीप बारले, आदर्श वासनिक, डैनी राम वर्मा, अमरीश प्रजापति, पुष्पेंद्र साहू, महेश ठाकुर, अश्वनी साहू, अभिषेक श्रीवास्तव, भोजराज बागसवार, डीके लिल्हारे, एनएल देवांगन, विजय कुर्रे, जीआर देवांगन, राकेश मेश्राम, बलराज चौहान, गंभीर साहू एवं अन्य कर्मचारी-अधिकारीगण उपस्थित रहे।
 

 

फेडरेशन ने दी चेतावनी
फेडरेशन ने कहा कि इस घटना से सिर्फ  कर्मचारी ही नहीं, बल्कि उनके परिवार और समाज में भी उनकी छवि को ठेस पहुंची है। यह घटना कवर्धा जिले के लगभग 10 हजार कर्मचारियों और प्रदेश के 5 लाख कर्मचारी-अधिकारियों के मनोबल को गिराने वाली है। फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसे व्यवहार पर तत्काल रोक नहीं लगी तो कर्मचारी वर्ग के बीच गहरा आक्रोश जन्म लेगा। फेडरेशन के कर्मचारी-अधिकारियों ने कहा कि जिले के कर्मचारी कई बार समय से अधिक काम करते हैं, वह अवकाश के दिनों में भी देर शाम तक कार्य पूरा करते हैं। लगातार बारिश और खराब मौसम के कारण थोड़ी देर से पहुंचना यदि अपराध है? तो क्या ईमानदारी से देर शाम तक काम करना अपराध नहीं है ? ऐसे में कर्मचारियों को समझाकर छोडऩा चाहिए था ना ही अपमानित करना चाहिए था।


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