राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनंादगांव 2 जुलाई। मुस्लिम धर्म की परंपरानुसार मोहर्रम पर्व मनाया जा रहा है। इसके चलते मोहर्रम के 10वें दिन के लिए मुस्लिम तेली पंचायत द्वारा ताजिया बनाने की परंपरा रही है। वहीं शहर के अलग-अलग इलाकों से लोग मन्नत मांगकर शेरों का परिधान धारण कर लोगों के घरों के द्वार तक भी पहुंच रहे हैं। लोगों की शेरों को देखने के लिए भीड़ उमडऩे लगी है। शहर के रानीसागर तट स्थित दरगाह के समीप मन्नती शेरों के पहुंचने का सिलसिला चल रहा है। शेरों को देखने के लिए बड़ी संख्या में बच्चों के अलावा अन्य लोगों की भीड़ भी उमडऩे लगी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुस्लिम समाज के लोग करबला के शहीदों की याद में मोहर्रम पर्व को मनाते हैं। मोहर्रम पर्व को इस्लामिक महीने की शुरूआत भी कहते हैं। मोहर्रम पर्व के चलते मुस्लिम तेली पंचायत द्वारा ताजिया बनाने की परंपरा रही है। इधर मोहर्रम पर्व के चलते शहर के अलग-अलग इलाकों से मन्नती शेरों का परिधान धारण कर बाजे-गाजे के साथ रानीसागर तट के समीप पहुंचने वाले मन्नती शेरों को देखने लोगों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं सुबह से ही मन्नती शेरों के रानीसागर तट के समीप पहुंचने और बाजे-गाजे की शोर सुनकर बच्चे, युवक-युवतियां भी शेरों का नाच देखने ललायित भी रहते हैं। इससे मन्नती शेरों के गुजरने के दौरान सडक़ों में जाम के हालात भी निर्मित हो रहे हैं। वहीं बच्चों में शेरों को देखने उत्साह भी नजर आ रहा है।