राजनांदगांव
पत्ते की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पडऩे का अंदेशा
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 25 मई। राजनंादगांव समेत मोहला-मानपुर और खैरागढ़ जिले में तेन्दूपत्ता तोड़ाई के बाद संग्रहण केंद्रों में रखे गए पत्तों पर बेमौसम बारिश से प्रतिकूल असर पडऩे का खतरा दिख रहा है।
बताया जा रहा है कि बेमौसम बारिश से न सिर्फ क्वालिटी प्रभावित हुई है, बल्कि करोड़ों रुपए का नुकसान होने का भी अंदेशा गहरा गया है। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में तेन्दूपत्ता तोड़ाई शुरू हुई थी। अचानक मौसम के करवट बदलने से तोड़ाई प्रभावित हुई है। वन विभाग के निगरानी में बनाए गए संग्रहण केंद्रों में पत्तों को संग्रहित करने का काम चल रहा है। वहीं पत्तों को सूखाने के लिए बनाए गए स्थानों में भी पानी गिरने से पत्ते भीग गए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक राजनंादगांव, मोहला मानपुर और खैरागढ़ के जंगलों में तेन्दूपत्ता की तोड़ाई अंतिम दौर में है। दीगर राज्यों आंधप्रदेश और तेलंगाना के अलावा महाराष्ट्र के बड़ेे व्यापारियों ने तेन्दूपत्ता खरीदी के लिए नीलामी में फड हासिल किए। ऐसे में मौसम ने तेन्दूपत्ता के तोड़ाई कार्य को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
गौरतलब है कि खराब मौसम से 'हरे सोनेÓ तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पडऩे की आशंका गहरा गई है। इन दिनों राजनांदगांव, खैरागढ़ व मोहला-मानपुर जिले में तेन्दूपत्ता की तोड़ाई अंतिम चरण में है।
बीते सप्ताहभर से लगातार मौसम में उलटफेर जारी है। बे-मौसम बारिश से पत्तों की गुणवत्ता पर आंशिक असर पड़ा है। वन विभाग ने निर्धारित लक्ष्य के अनुसार तोड़ाई शुरू कर दी है। संग्राहकों को निश्चित समय तक तेन्दूपत्ता तोडऩे का लक्ष्य दिया गया है। राजनांदगांव जिले में 80800 मानक बोरा तेन्दूपत्ता तोड़ाई का लक्ष्य रखा गया है।
पिछले साल भी मौसम ने दगाबाजी की थी। जिससे निर्धारित लक्ष्य से तोड़ाई पिछड़ गया था। इस बार भी मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। राजनांदगांव जिले के बागनदी क्षेत्र में तोड़ाई शुरू हो गई। जिले में 50 समितियों को तोड़ाई का जिम्मा सौंपा गया है। इधर शासन ने प्रति मानक बोरा संग्रहण की दर में 1500 रुपए का इजाफा किया है। इस साल संग्राहकों को 4 हजार रुपए की तुलना में 5500 रुपए मानक बोरा दिया जाएगा। तोड़ाई के चलते वन क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलता है।
तेन्दूपत्ता संग्रहण से लगभग 50 हजार वनवासी परिवारों को फायदा मिलता है। राजनांदगांव जिला यूनियन द्वारा संग्रहित पत्तों की देशभर में तारीफ होती है। पत्ता व्यापारी अन्य जिलों की तुलना में स्थानीय जंगलों के पत्तों की खरीददारी में ज्यादा रूचि लेते हैं। खराब मौसम से अफसरों के चेहरों पर चिंता साफ झलक रही है।


