राजनांदगांव
सुबह से दोपहर तक रिमझिम फुहार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 मई। प्री-मानसून की बौछार पडऩे से शनिवार को मौसम का मिजाज बदल गया। रिमझिम फुहार पडऩे से उमस और गर्मी से लोगों को राहत मिली।
आज सुबह से दोपहर तक रिमझिम बारिश होती रही। इस साल मौसम विभाग ने समय पूर्व मानसून के सक्रिय होने की संभावना जाहिर की है। माना जा रहा है कि मानसून के पूरी तरह से सक्रिय होने से पहले आज पड़ी बौछारे प्री-मानसून के रूप में हुई। पिछले तीन-चार दिनों से मौसम में उतार चढ़ाव बना हुआ है। दो दिनों से अचानक आसमान में काले मेघों का डेरा जमा हुआ है। आज सुबह बादल बरस पड़े। हल्की बूंदों के साथ शुरू हुई बौछारे रिमझिम फुहारों में बदल गई। बारिश होने के बाद मौसम खुशगवार हो गया है।
इस साल गर्मी ने अपने सख्त तेवर से लोगों के होश उड़ा दिए थे। गर्म हवाओं के थपेड़ों से दोपहर को घर से निकलना मुश्किल हो गया था। अधिकतम पारा 44 डिग्री तक पहुंच गया। हालांकि इस साल 45 डिग्री तापमान बढऩे का अंदेशा जाहिर किया गया था, लेकिन इसके बावजूद गर्मी ने अपने तेवर में ढ़ील नहीं बरती।
लोगों को चूभती हुई गर्मी ने झकझोर कर रख दिया था। सूर्य की तपिश से लोगों की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। इस बीच मौसम में बदलाव का संकेत दो-तीन दिनों से हो रहा था।
आज सुबह बादलों के बरसने के बाद गर्मी गायब हो गई। बताया जा रहा है कि आज हुई बारिश प्री-मानसून का ही एक रूप है। केरल में मूसलाधार बारिश के साथ मानसून ने आमद दे दी है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताहभर के भीतर छत्तीसगढ़ में भी मानसून की एंट्री हो जाएगी। मौसम विभाग ने बस्तर के रास्ते मानसून के दाखिल होने की संभावना जाहिर की है। खेती-किसानी के लिहाज से भी किसानों को मानसून के सक्रिय होने का इंतजार है। हालांकि खेतों में साफ-सफाई का दौर चल रहा है। मिट्टी मरम्मत का काम करने के अलावा खेतों से कांटे और कंकड़ निकाले जा रहे हैं। किसान सुबह से दोपहर होने तक खेतों में नजर आ रहे हैं। उन्नत किसानों द्वारा ट्रेक्टर के जरिये मिट्टी को बेहतर बनाने के लिए जुताई में जुट गए हैं। वहीं छोटे किसान भी बैल और हलों को लेकर खेतों की ओर रूख करने लगे हैं।


