राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 मई। मोहला-मानपुर-अं. चौकी जिला कार्यालय के सभाकक्ष में सायबर क्राईम और वित्तीय साक्षरता विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण समुदाय को डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा, साइबर अपराध से बचाव तथा वित्तीय जागरूकता के प्रति सचेत करना था। यह कार्यक्रम कलेक्टर तुलिका प्रजापति के निर्देशानुसार तथा जिला पंचायत सीईओ भारती चन्द्राकर एवं एसडीएम मोहला हेमेन्द्र भुआर्यके मार्गदर्शन में आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम एबीएफके समन्वय से एवं जिला एनआरएलएम टीम के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यशाला में खगेंद्र कुमार, राज्य वित्तीय समावेशन समन्वयक, माइक्रोसेव कंसल्टिंग लिमिटेड एवं नीति आयोग के डेवलपमेंट पार्टनर के रूप में शामिल हुए। उन्होंने प्रतिभागियों को सायबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी तथा बताया कि कैसे फर्जी ओटीपी, संदिग्ध लिंक, मोबाइल एप्लीकेशन और कॉलिंग फ्रॉड से सतर्क रहना चाहिए। कार्यक्रम में एनआरएलएम के पीआरपी, एएफएल सीआरपी, बीसी सखी, डाक सेवक, बीपीएम, जिला परियोजना प्रबंधक डीपीएम एलआईसी के विकास अधिकारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों एवं एनआरएलएम कैडर की सक्रिय सहभागिता रही।
खगेंद्र कुमार ने कहा कि वर्तमान डिजिटल युग में सायबर सुरक्षा केवल तकनीकी जानकारी नहीं, बल्कि एक आवश्यक जीवन कौशल है। उन्होंने प्रतिभागियों को जागरूक करते कहा कि पासवर्ड साझा न करें, किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें तथा खुद को बैंक प्रतिनिधि बताने वालों से सतर्क रहे।
एलआईसी द्वारा एलआईसी बीमा सखी योजना की जानकारी दी गई। वहीं एफएलसी के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना पीएमएसबीवय प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना पीएमजेजेबीवय अटल पेंशन योजना एपीवय तथा बचत की आदतों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
कार्यशाला के अंतिम सत्र में प्रतिभागियों से संवाद कर उनकी जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान किया गया। समापन अवसर पर एसडीएम मोहला हेमेन्द्र भुआर्य ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते सायबर फ्रॉड से बचाव एवं वित्तीय समावेशन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों से संवाद कर उनके द्वारा सीखी गई बातों का प्रस्तुतीकरण भी कराया। जिससे उनकी समझ एवं जागरूकता का आकलन किया जा सका। इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल ग्रामीणों को जागरूक करती हैं, बल्कि उन्हें डिजिटल युग के अनुरूप सशक्त भी बनाती है। अधिकारियों ने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की प्रतिबद्धता जताई।


