राजनांदगांव

पुलिस भर्ती प्रक्रिया निरस्त, लेकिन जारी रहेगी एसआईटी की जांच
26-Dec-2024 1:30 PM
पुलिस भर्ती प्रक्रिया निरस्त, लेकिन जारी रहेगी एसआईटी की जांच

आरक्षक खुदकुशी से मामले की गंभीरता ने खींचा सरकार का ध्यान

‘छत्तीसगढ़’संवाददाता
राजनांदगांव, 26 दिसंबर।
राजनांदगांव रेंज की पुलिस भर्ती प्रक्रिया को सरकार ने निरस्त कर एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भले ही घोषणा की है, लेकिन एक बात साफ है कि आरक्षक अनिल रत्नाकर की खुदकुशी की घटना सामने आने के बाद ही सरकार ने गड़बड़ी को गंभीरता से लिया। 

आखिरकार आरक्षक की आत्महत्या की घटना के बाद देर से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ट्वीट कर पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया। सरकार के इस निर्णय से करीब 20 हजार अभ्यर्थियों पर सीधा असर पड़ा है। यानी जांच के बाद अभ्यर्थियों को फिर से शारीरिक टेस्ट दक्षता से गुजरना होगा। वहीं टेस्ट के इंतजार में बैठे लाखों अभ्यर्थियों के पास इंतजार करने के अलावा कुछ नहीं रह गया है। 

हालांकि, सरकार के इस फैसले का एसआईटी की जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यानी आईजी दीपक झा की निगरानी में गठित टीम अगले 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।

बताया जाता है कि एसआईटी को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। टीम के हाथ सुराग मिलने से जल्द ही मामले में शामिल कुछ और लोग सलाखों के पीछे भेजे जा सकते हैं। 
सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट से स्टे हटने के बाद 8 दिसंबर से दोबारा शुरू हुई भर्ती के पहले दिन ही मिलीभगत कर गड़बड़ी होने की जानकारी महकमे को मिल गई थी। इस पर कार्रवाई करने के लिए आला अफसरों ने लंबा वक्त लिया। इसके बाद 16 दिसंबर को फिर से शारीरिक दक्षता टेस्ट में हेराफेरी की गई। इसके बाद भर्ती में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ। 

बताया जाता है कि आईजी ने भर्ती प्रक्रिया में शामिल आरक्षकों और राजपत्रित अधिकारियों की भूमिका की जांच की। आईजी के निर्देश पर संदिग्धों का मोबाइल जब्त किया गया। जब्ती में ही कथित तौर अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाने की जानकारी मिली। इस बीच आरक्षक रत्नाकर ने आत्महत्या से पूर्व अपनी हथेली में अफसरों के शामिल होने की बात लिखकर पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया। 

बताया जाता है कि आरक्षक के लिखे शब्दों के आधार पर आईजी को एसआईटी का गठन करना पड़ा। भर्ती प्रक्रिया की वजह से प्रदेश सरकार की नीयत पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हंै। 

बताया जा रहा है कि एसआईटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते है। न सिर्फ स्थानीय अफसरों को, बल्कि सरकार को एसआईटी की रिपोर्ट का इंतजार है।

 


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