राजनांदगांव

छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 अक्टूबर। क्वांर नवरात्र पर्व पर हवन के बाद शनिवार सुबह से ही जसगीतों के साथ तालाबों में सुबह से जोत-जंवारा का विसर्जन का दौर शुरू हुआ।
जोत जवारा विसर्जन के पश्चात मां दुर्गा व काली तथा सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन का दौर शुरू हुआ, जो देर शाम तक चलता रहा। इसके बाद देर शाम को रावण दहन का आयोजन हुआ। इधर शहर सहित ग्रामीण अंचल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। हवन-पूजन के पश्चात नौ कन्या भोज समेत विभिन्न स्थानों में भंडारा समेत अन्य आयोजन किए गए।
क्वांर नवरात्र पर जिले सहित शहर के मंदिरों में श्रद्धाभक्ति का माहौल बना रहा। शुक्रवार को हवन-पूजन के पश्चात शनिवार को मंदिरों व प्रतिमा पंडालों से आस्था के साथ भक्तों ने जोत-जंवारा विसर्जन जसगीतों के माध्यम से तालाब व सरोवरों में ले जाकर विधि-विधान से विसर्जित किया।
शहर के मां काली माई मंदिर, मां दुर्गा मंदिर एवं पाताल भैरवी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में हवन हुआ, जहां भक्तों ने अपनी आस्था के साथ हवन-पूजन कार्यक्रम में परिजनों समेत शामिल हुए। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में मंदिरों व पूजा पंडालों की समितियों द्वारा भंडारा का आयोजन भी किया गया, जहां शहर के लोगों की भीड़ प्रसादी पाने की बनी रही। नवरात्र पर्व पर शहर के अधिकांश क्षेत्रों में गरबा उत्सव के दौरान युवाओं की टोलियां गरबा उत्सव में पहुंचकर गरबा नृत्य का आनंद लिया। इधर पूजा पंडालों में नवरात्र पर्व पर जसगीत के माध्यम से भक्तिमय माहौल निर्मित रहा।