राजनांदगांव

इस सावन 5 सोमवार को होगी महादेव की आराधना
21-Jul-2024 2:25 PM
इस सावन 5 सोमवार को होगी महादेव की आराधना

सडक़ों पर नजर आएंगे कांवरिये, मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 21 जुलाई।
बरसों बाद इस सावन के महीने में 5 सोमवार का योग बना है। सावन सोमवार 22 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। 
सावन के महीने को पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना होती है। वहीं महादेव के भक्त कठिन व्रत रखकर उनकी उपासना करते हैं। महिलाएं और युवतियों में सावन महीने में उपवास रहने का एक विशेष लगाव रहता है। इस महीने का महिला वर्ग को बेसब्री से इंतजार रहता है। 

कल से शुरू हो रहे सावन महीने में कांवरिये भी बोलबम के जयघोष के साथ कदमताल करते नजर आएंगे। स्थानीय शिवनाथ नदी के मोहारा तट से जल लेकर भक्त मंदिरों में पहुंचकर जलाभिषेक करेंगे।

माहभर भगवान महादेव की आराधना जिलेभर के मंदिरों व देवालयों में होगी। वहीं कांवरिये जलाभिषेक करने के साथ ही भगवान भोलेनाथ की जयकारा भी करेंगे। बोल बम के जयकारे से पूरा महीना भक्तिमय होगा। वहीं मंदिरों में स्थित शिवलिंगों का कांवरिए जलाभिषेक भी करेंगे। शिवालयों में कांवरियों में जल लेकर शिवलिंगों का पारंपरिक रूप से अभिषेक करेंगे। इसी के साथ ही सावन महीने में हर दिन विविध धार्मिक आयोजन भी होंगे। 

घरों में जहां भगवान भोलेनाथ की पौराणिक गाथाओं से प्रवचन के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, वहीं मंदिरों में भी भक्ति पर आधारित ज्ञानवर्धक विचार पुजारियों द्वारा दिए जाएंगे। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगने की उम्मीद के आधार पर तैयारी शुरू कर दी गई है।

साल दर साल भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए युवतियों के साथ युवकों में भी रूचि बढ़ी है। सावन महीने को भक्ति की लिहाज से बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की आराधना के लिए यह महीना सबसे पवित्र होता है, इसलिए माहभर घरों से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थलों में भगवान शिव की स्तुतिगान होती रहती है। इधर शहर के बड़े शिवालयों में तैयारी शुरू हो गई है। कल 22 जुलाई से सावन मास शुरू हो रहा है।

सावन महीने को तप और उपवास के लिए भी जाना जाता है। खासतौर पर युवतियां और महिलाएं कठिन व्रत रखकर परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं। मंदिरों में सुबह और शाम महिला और युवतियों की तादाद ज्यादा होती है।

उधर उपवास रखने के साथ महिलाएं भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से धार्मिक व्याख्यानों को सुनने मंदिरों में जुटती हैं। सावन महीने में हुए धार्मिक घटनाक्रमों को सुनने के साथ महिलाएं आपस में भक्ति में लीन होती हैं। महिला और युवतियों की वजह से भक्तिमय वातावरण अलग अंदाज में दिखाई देता है। सावन मास कल से शुरू होने के साथ ही देवालयों व मंदिर समिति व भक्तों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके साथ ही मंदिरों के सामने दुकान लगाने वाले लोग भी सावन मास को लेकर दुकान लगाने की तैयारियों में है।

शहर में कल निकलेगी पालकी यात्रा
सावन के पवित्र माह में संस्कारधानी नगरी राजनांदगांव में हर सोमवार को श्री महाकाल की पालकी यात्रा निकाली जाएगी। इस बार पालकी यात्रा में  छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने पारंपरिक व लोककला को प्राथमिकता दी जाएगी। बीते दिनों महाकाल भक्तों ने बैठक लेकर उक्त निर्णय लिया।  इस वर्ष महाकाल भक्त सेना द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 13 पालकी यात्रा निकालने की तैयारी की है। महाकाल पालकी यात्रा को लेकर इस बार भी भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है। भगवान शिव की आस्था व श्रद्धा वाला पवित्र महीना सावन 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। पहला ही दिन सोमवार पड़ रहा है। महीने में कुल पांच सोमवार पड़ रहे हैं। हर सोमवार को शहर के अलग-अलग हिस्से से भक्तों द्वारा श्री महाकाल की पालकी यात्रा निकाली जाएगी। बैठक में महाकाल भक्तों ने सुझाव दिया कि प्रति सोमवार को यह यात्रा तय समय पर निकाली जाए। तय किया गया कि सूर्यास्त के पहले यात्रा को संपन्न करने का प्रयास किया जाएगा।

यहां भी निकलेगी यात्रा
श्री महाकाल पालकी यात्रा संस्कारधानी के साथ धर्मनगरी डोंगरगढ़ व संगीतनगरी खैरागढ़ एवं  डोंगरगांव में भी निकाली जाएगी। डोंगरगढ़ में 27 जुलाई, खैरागढ़ में 3 अगस्त, 10 अगस्त को डोंगरगांव तथा 31 जुलाई को ग्राम पंचायत रानीतराई महाराजपुर से पालकी यात्रा निकाली जाएगी। इसके अलावा मोतीपुर तथा ग्राम पेटेश्री, बोदेला के लोगों के विशेष आग्रह पर यहां से भी पालकी यात्रा निकाली जाएगी।

शहर में यहां से निकलेगी महाकाल यात्रा
22 जुलाई को नंदई हाट बाजार से,  29 जुलाई क्लब चौक बसंतपुर से,  5 अगस्त को पुराना ढाबा से, 12 अगस्त को सिंगदई से एवं 19 अगस्त को नगर भ्रमण होगा।
 


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