राजनांदगांव

माहभर से अधिक बिना अनुमति अनुपस्थिति पर कर्मी होंगे बर्खास्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 मई। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जिले में कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते पोट्ठ लईका अभियान की पहल की जा रही है। इसके अंतर्गत कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने जनसहभागिता तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सघन अभियान चलाकर यह कार्य किया जाएगा। इसके अंतर्गत बच्चों को गोद लेकर उन्हें सुपोषण की श्रेणी में लाने के कार्य में सभी अधिकारी अपना योगदान देंगे। बच्चों एवं माताओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही किशोरी बालिकाएं कमजोर न हो, इसके लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उनके हिमोग्लोबीन एवं अन्य परीक्षण तथा आयरन, मल्टीविटामिन, जिंक एवं अन्य दवाईयां समय पर देने की आवश्यकता है। बालिकाएं स्वस्थ रहेंगी तो उनका भविष्य अच्छा रहेगा।
कलेक्टर ने कहा कि एक महीने से अधिक बिना अनुमति से अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जाना है, इसके लिए सभी विभाग ध्यान देते जानकारी भेजें। साथ ही संविदा सेवा वृद्धि के लिए भी जानकारी भेंजे। कलेक्टर ने कहा कि जिले में जल का स्तर नीचे चला गया है। जिससे आने वाले समय में पानी के लिए दिक्कत हो सकती है। इसके लिए हरसंभव प्रयास करना है। उद्योगों द्वारा पानी का दोहन किया जाता है। उन्हें इससे दोगुना वाटर रिचार्ज करने जलीय संरचना बनाने निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि उद्योग तालाब बनवाएं तथा व्यापक पैमाने पर पौधरोपण करवाएं। जल के उपयोग के लिए यह जरूरी है कि सरफेस वाटर का उपयोग किया जाएं। जल संरक्षण के लिए 4-5 गांव का कलस्टर बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उक्त बातें कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में कही।
कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि राजस्व शिविर की प्रगति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राजस्व की टीम हर हल्के की मानिटरिंग करें और संयुक्त खाता का परीक्षण करें। फौती, नामांतरण जैसे कार्य रूकना नहीं चाहिए। परिवार के मुखिया की मृत्यु के बाद परिवार के अन्य सदस्यों का नाम दस्तावेजों में होना चाहिए, जहां खाता विभाजन की स्थिति हो वहां प्राथमिकता से समस्या का निराकरण करें। इससे किसानों को खेती-किसानी और धान बिक्री में सुविधा होती है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण, सुपोषण एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए सभी अधिकारी संयुक्त रूप से समन्वित तरीके से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण को रोकने अच्छा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग ऐसे स्थानों का चिन्हांकन करें, जहां रोड की संरचना में कमी के कारण सडक़ दुर्घटना हो रही है और वहां आवश्यक परिवर्तन करते हुए ब्रेकर जैसी संरचनाएं बनाएं, ताकि दुर्घटना नहीं हो।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता, उप जिला निर्वाचन अधिकारी खेमलाल वर्मा, एसडीएम राजनांदगांव अरूण विश्वकर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।