राजनांदगांव

जीव का शिवत्व से यात्रा न हो तो वह पशु हो जाएगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 दिसंबर। श्री चंद्रमौलेश्वर भगवान महाकाल की शान में विकास नगर लखोली में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा में बीते दिनों कथा शास्त्री पं. ईश्वर चन्द्र व्यास ने कथा में उल्टा मंत्र जपने की ताकत बताई व कहा कि शिव मंदिरों में पूजा के अंत में रूद्राष्टक का पाठ रोज किया जाना चाहिए। इससे भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। महराज ने उल्टा मंत्र जपने के संबंध में कहा कि इससे मंत्र की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। गोस्वामी तुलसी दास जी ने महर्षि वाल्मीकि के संबंध में कहा कि उल्टा मंत्र जप जग जाना वाल्मिकी भय ब्रहम समाना कहा है।
महाराज ने बताया कि बौद्ध धर्म को निश्तेज करने वाले आदि शंकराचार्य विष्णु सहस्त्र नाम के परम उपासक थेे, वे भी इसका उल्टा पाठ कर शक्ति अर्जित की थी। विनोबा भी विष्णु सहस्त्र नाम का नित्य प्रात: पाठ किया करते थे। संत तुकाराम महाराज ने तो एक लक्ष विष्णु सहस्त्र नाम का उल्टा व सीधा दोनों तरह से पाठ किया। उसके अंत समय में उसे लेने भगवान विष्णु के वाहन गुरूड़ जी पहुंचे।
महाराज ने बताया कि महाराष्ट्र में बारकरी भजन गायन की परम्परा है। इसमें बड़े-बड़े मंजीरो के साथ भजन गया जाता है। संत तुकाराम गरूड़ में चढक़र विष्णु लोक जाने को हुए तो आकाश में पहुंचते ही उक्त मंजीरों को नीचे की ओर फेंका। वह मंजीरा आज भी वहां मौजूद है। संत मध्याचार्य पहले सीधा तथा बाद में विष्णु सहस्त्र नाम का उल्टा पाठ करते थे। महाराज ने गायत्री मंत्र के संबंध में ऐेसा ही बताया। इसका एक करोड़ पाठ किया जाना चाहिए, इससे वेद माता गायत्री की कृपा अनुकंपा बरसती है।
कथा सुनने पहुंचे जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष दिनेश गांधी, अजय राठी, मोहनलाल राठी,हेनी गुप्ता, रामकिशन माहेश्वरी, अशोक साहू, राजेश वैद, शुभम, राकेश ठाकुर, नन्द साहू, अनुप श्रीवास, पार्षद किशुन यदु, शरद सिन्हा, आलोक बिन्दल, अर्चना दास, मीता ठक्कर सहित बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी श्रद्धालुजनों की उपस्थिति रही। युवा भाजपा नेता नीलू शर्मा का मंच में भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर कथावाचक श्री शास्त्री ने नीलू को आशीर्वाद प्रदान किया। उक्ताशय की जानकारी आयोजनकर्ता राजेश डागा ने दी।