राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 नवंबर। शहर के युवा अंश खंडेलवाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली है। इस प्रकरण को लेकर नागरिकों में आक्रोश है। परिजनों का आरोप है किए अंश की हत्या हुई है। जबकि पुलिस चुप्पी साधे हुए है।
भाजयुमो जिला अध्यक्ष मोनू बहादुर सिंह ने बयान जारी कर इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई की धीमी गति को शहर और कानून व्यवस्था के लिए चिंताजनक करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक माह बीत जाने के बाद भी जांच अब तक आगे नहीं बढ़ सकी है। स्थिति यह है कि नागरिकों को न्याय और कार्रवाई के लिए सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
मोनू बहादुर ने कहा कि अंश खंडेलवाल की जिन परिस्थितियों में मौत हुई वह कई तरह के शक पैदा करती है। सायबर सेल, उन्नत तकनीक मौजूद होने के बाद भी पुलिस अब तक कुछ हासिल नहीं कर सकी है। ऐसी वारदात की जांच में पुलिस का उलझ जाना सोचनीय है। उन्होंने कहा कि पुलिस कह रही है कि मृतक और उससे जुड़े कुछ लोगों के मोबाईल जांच के लिए सायबर फोरेंसिक एक्सपर्ट के पास दिल्ली भेजे गए हैं। इसकी रिपोर्ट के बाद ही जांच आगे बढ़ेगी। इस पूरी प्रक्रिया में लगने वाले वक्त में हर लम्हा अंश के परिजनों के दिल को कचोट रहा है। हम शहरवासियों की संवेदनाएं उनके साथ है और हम न्याय दिलाने के लिए आखिर तक उनके साथ खड़े हैं।
भाजयुमो अध्यक्ष ने कहा कि शहर में गाहे-बगाहे ऐसी स्थितियां निर्मित हो रही है। यश चौथवानी की मौत के मामले में भी आरोपी पर मुकदमा दर्ज करने और उसकी गिरफ्तारी के लिए नागरिकों को सडक़ पर उतरना पड़ा था, तब जाकर पुलिस ने अपनी कार्रवाई आगे बढ़ाई थी। बार -बार कानून व्यवस्था को लेकर ये दोहराव कतई ठीक नहीं है। पुलिस को पूरी संजीदगी के साथ जल्द से जल्द अंश की मौत के प्रकरण को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस से नागरिकों की उम्मीद बंधी हुई है, लेकिन वारदात की असलियत सामने लाने में जो वक्त जाया हो रहा है, उससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस को जल्द से जल्द इस मामले की तस्वीर साफ करनी चाहिए।