राजनांदगांव

भाजपा की समीक्षा बैठक में खुल रहा भीतरघातियों का काला चिट्ठा
28-Nov-2023 2:48 PM
भाजपा की समीक्षा बैठक में खुल रहा भीतरघातियों का काला चिट्ठा

प्रत्याशियों ने पार्टी नेतृत्व को भेजी अंदरूनी नुकसान पहुंचाने वालों की सूची

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 नवंबर।
विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा प्रत्याशियों की मौजूदगी में हो रहे समीक्षा बैठकों में पार्टी को अंदरूनी नुकसान पहुंचाने वाले भीतरघातियों की करतूतों का काला चिट्टा खुल रहा है। राजनीतिक तौर पर पार्टी को हराने में जुटे ऐसे पार्टी विरोधी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की प्रत्याशियों आलाकमान से मांग की है। 

राजनांदगांव जिले के सभी 4 सीटों में टिकट के दावेदार रहे नेताओं ने अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ भीतरी स्तर पर संगठन को नुकसान पहुंचाया है। समीक्षा बैठक में खुलकर प्रत्याशी भी अपनी बात रखते हुए भीतरघातियों  के रवैये को साझा कर रहे हैं। भाजपा को इस चुनाव में अपने ही असंतुष्ट नेताओं से तगड़ा नुकसान पहुंचा है। संगठन की हिदायत की परवाह किए बगैर भीतरघातियों ने अपने समर्थकों के जरिये प्रचार से लेकर मतदान तक विरोधी दलों के उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने कोई कसर नहीं छोड़ी। 

जिले के डोंगरगांव विस में एक दिग्गज नेता के इशारे पर कई तरह की प्रत्याशी के लिए अड़चने खड़ी की गई। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा को रद्द कराने की भी एक नेता ने प्रयास किया। प्रत्याशी ने अंदरूनी स्तर पर परेशानी खड़ा करने का आरोप लगाते राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से योगी की सभा कराने  की मांग की। 

पार्टी नेतृत्व से कुछ कद्दावर नेताओं ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी, तब योगी की सभा होने का रास्ता प्रशस्त हुआ। कई दिग्गज नेताओं को पार्टी ने दीगर विस क्षेत्रों का संचालक बनाकर गुटीय लड़ाई को कम करने की कोशिश की, लेकिन संगठन  से जुड़े नेताओं ने प्रत्याशियों की जीत की राह में परेशानी खड़ा करने में पूरा जोर लगाया। 

बताया जा रहा है कि समीक्षा बैठक में कई कार्यकर्ताओं ने खुलकर भीतरघातियों के नाम भी सार्वजनिक किए हैं। भाजपा के सख्त आदेश को नजर अंदाज कर पार्टी के खिलाफ काम करने में भीतरघाती पीछे नहीं रहे। राजनांदगांव लोस के समूचे 8 सीटों में भाजपा अंदरखाने अपने ही  असंतुष्टों को मनाने जुटी रही। ऊपरी तौर पर पार्टी का प्रचार करने का भीतरघातियों ने छद्म रूप से काम किया। 

बताया जा रहा है कि अब तक हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को भीतरघातियों से खतरा नहीं था। 

मौजूदा विधानसभा में बागी तेवर लिए नेताओं को समझाईश देना संगठन के लिए टेड़ी खीर रहा। ऐसे में  चुनावी परिणाम के विपरीत होने की स्थिति में प्रत्याशी यह मान रहे हैं कि भीतरघातियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा।


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