राजनांदगांव
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चार दिनी छठ पर्व का समापन
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 20 नवंबर। भगवान सूर्य की उपासना का पर्व छठ पर उगते सूर्य को व्रती महिलाओं ने सोमवार सुबह अध्र्य दिया। इसी के साथ ही चार दिनी छठ का महापर्व का समापन हो गया। इससे पहले रविवार शाम को अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं और माताओं ने नदी और सरोवरों का रूख किया। पानी में उतरकर अर्घ्य देते हुए महिलाओं ने संतानों की लंबी आयु की कामना की।
शहर के मोती तालाब में तीसरे दिन उत्तर भारतीयों का महापर्व के अवसर पर मजमा लगा रहा। धार्मिक गीतों और गाजे-बाजे के साथ भक्तों ने छठी मैया की पूजा-अर्चना की। सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तालाबों में उमड़ी भीड़ से मेले जैसा माहौल रहा। शहर में बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय निवासरत हैं। 4 दिन तक इस पर्व को लेकर अलग-अलग भक्तिमय कार्यक्रम हुए। शहर के मिथिलाधाम श्री गणेश मंदिर परिसर में पूजा सामग्रियों को लेकर लोग सपरिवार पहुंचे। तालाब के घाटों में परंपरागत रिवाज के तहत विशेष पूजा-अर्चना की गई। सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पारंपरिक रूप से तीन दिनी छठ पूजा समाप्त हो गया।
रविवार की शाम को महापूजन का आयोजन किया गया। स्थानीय मोती तालाब में व्रतधारियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की शुरूआत की। तालाबों में पूजन की खास व्यवस्था की गई थी। छठ पूजन समिति के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि शहरभर में व्रतधारियों के लिए तीन तालाबों में पूजन की व्यवस्था की गई थी। छठी मैय्या के गीतों के बीच आज श्रद्धालु बड़ी संख्या में तालाब में पहुंचे। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। नहाय-खाय की रस्म से शुरू हुए छठ पर्व के तीसरे दिन सुहागिनों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैय्या का आशीर्वाद लिया। शहर के तीनों तालाबों में आस्था का सैलाब नजर आया। शहर में बड़ी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश के बाशिंदे निवासरत है। उनकी ओर से हर साल छठ पर्व मनाने से रौनकता रहती है। तालाबों में व्रतियों ने अर्घ्य देने के बाद विशेष भक्ति गीत गाये। महिलाओं ने अपनी संतानों की लंबी आयु के लिए छठी मैय्या से आशीर्वाद लिया। इसी के साथ आज सुबह अर्घ्य देने के बाद पर्व का समापन हो गया।