राजनांदगांव

स्टेट बार के आह्वान पर वकीलों ने रखा कामकाज बंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 सितंबर। छत्तीसगढ़ स्टेट बार के आह्वान पर सोमवार को राजनांदगांव जिले के अधिवक्ताओं ने एक दिनी हड़ताल कर राज्य सरकार से अपनी मांगों को जल्द पूरा करने धरना दिया। तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अधिवक्ता संघ के बैनर तले स्थानीय न्यायालय और तहसीलों के व्यवहार न्यायालय में कार्यरत वकीलों ने हड़ताल की। अधिवक्ताओं के हड़ताल में चले जाने से न्यायालयीन कामकाज प्रभावित हुआ।
एक दिवसीय हड़ताल करते वकीलों ने राज्य सरकार से अधिवक्ता प्रोटेक्शन बिल, मृत्यु क्षतिपूर्ति 10 लाख रुपए और समूह बीमा लागू करने की मांग की। लंबे समय से अधिवक्तागण उक्त मांगों को लेकर मुखर रहे हैं। 11 अगस्त को भी हड़ताल कर मांग को पूरा करने के लिए आवाज उठाई थी। जिसमें वकीलों की आर्थिक सुरक्षा को लेकर सरकार से न्यायोचित कदम उठाने की मांग की थी। अधिवक्ताओं द्वारा पूरजोर मांग किया जा रहा है कि समाज के जागरूक वर्ग की अनदेखी की जा रही है। शासन द्वारा अनेक सामाजिक संगठनों और यूनियन का सामुहिक बीमा कराया गया है। आज पर्यन्त अधिवक्ताओं की इस मांग को पूरा नहीं किया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता हलीम बख्श गाजी ने कहा कि अधिवक्ताओं की तीनों मांग जायज है। सरकार को इन मांगों पर फौरन विचार करना चाहिए। उधर अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा कि पहले भी सरकार को मांगों को लेकर अवगत कराया गया है। प्रोटेक्शन बिल के अलावा मृत्य पश्चात अधिवक्ताओं के परिजनों को क्षतिपूर्ति के रूप में 10 लाख रुपए प्रदान करने तथा सामूहिक बीमा लागू करने की मांग की जा रही है। मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में स्टेट बार कौंसिल के निर्देश पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
धरना में प्रमुख रूप से अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह, ललित कश्यप, राकेश ठाकुर, रूपेश दुबे, रोहित बिसेन, उमाकांत भारद्वाज समेत बड़ी संख्या में पुरूष व महिला अधिवक्तागण शामिल थे।