राजनांदगांव

राष्ट्रीय आजीविका मिशन की प्रदेशव्यापी हड़ताल को समाप्त करने नवाज ने की पहल
12-Apr-2023 2:44 PM
राष्ट्रीय आजीविका मिशन की प्रदेशव्यापी हड़ताल को समाप्त करने नवाज ने की पहल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 अप्रैल।
महीनेभर से छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय आजीविका मिशन की बिहान कैडर संयुक्त संघ की महिला कार्यकर्ताओं की चल रही हड़ताल को समाप्त करने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक अध्यक्ष नवाज खान ने बेहतर पहल की है।
मंगलवार को डोंगरगढ़ के विश्रामगृह में जिलेभर की महिला कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सिलसिलेवार सुनने के पश्चात श्री खान ने कहा कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन कार्यकर्ताओं की नियुक्ति केंद्र सरकार से हुई है।

तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2011 में इनकी नियुक्ति गांव-गांव में महिलाओं को मजबूत संगठित व सशक्त करने तथा उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने किया था, तब से ये महिला कार्यकर्ता निश्चित मानदेय पर कार्यरत हैं, क्योंकि इनका मानदेय केंद्र से आता है, इसलिए उस पर वृद्धि भी केंद्र सरकार ही कर सकती है। जबकि ये महिलाएं बिना जानकारी के राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलनरत है। बड़े ही बेहतर ढंग से श्री खान ने महिलाओं को प्रमुख बातें समझाई तथा उन्हें लेकर मुख्यमंत्री से मिलकर मदद का आश्वासन भी दिया। महिलाओं ने भी अपनी बात रखी तथा समाधान होने तक काम न करने की बात कही।

आंदोलन खत्म कर अपने घर पर बैठने के लिए राजी हुई महिलाओं ने कहा कि 2021 में उनका मानदेय बढ़ाया गया था। एक माह का पेमेंट भी उन्हें बढक़र मिला था, किन्तु अगले ही माह उसे रद्दकर बढ़ी हुई राशि अगले पेमेंट पर काट ली गई ।
कुछ महिलाओं ने यह भी बताया कि केंद्र व राज्य मिलकर आधी-आधी राशि का भुगतान करते हैं। श्री खान ने महिलाओं को आश्वस्त किया कि उनके साथ जरूर न्याय होगा। वे  मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे यदि राज्य सरकार सहायता कर सकती होगी, तो निश्चित रूप से उनका मानदेय बढ़ेगा अन्यथा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में केंद्र से मानदेय बढ़ाने की लड़ाई लड़ी जाएगी, जिस पर महिलाएं राजी हो गई। उन्होंने तालियां बजाकर इस सुझाव का स्वागत किया तथा श्री खान को अगुवा बनाकर लड़ाई लडऩे पर सहमत हुई।

बताया गया कि ये महिलाएं चार विभिन्न स्तरों पर कार्य करती हैं, जिनमें संगठक जो प्रमुख होती हैं, एक ब्लॉक में उनकी 4 कार्यकर्ताओं की नियुक्ति 13 हजार के मानदेय पर की जाती है। उसने निचले स्तर पर 5000 के मानदेय पर अन्य महिलाएं कार्य करती हैं उससे निचले स्तर पर ढाई हजार पर तथा अंत में सखी के रूप में सर्वे करने वाली महिलाओं को डेढ़ हजार मानदेय मिलता है। वर्तमान में कृषि सखी व पशु सखी के रूप में भी नियुक्ति की गई है। ये महिलाएं कृषकों को कृषि संबंधी तथा पशुपालकों को उनसे संबंधित विभिन्न जानकारी घर-घर जाकर देती हैं। श्री खान की इस पहल की सराहना की जा रही है।


अन्य पोस्ट