राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 जनवरी। जिले के बस संचालकों ने प्रशासन पर खैरागढ़ उप चुनाव और पंचायत चुनाव में बस सेवा के एवज में मिलने वाली राशि का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वाहन उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया है।
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष व बस आपरेटर संघ के जिला अध्यक्ष रईस अहमद शकील और अन्य संचालकों ने पत्रकारवार्ता में अपनी स्थिति के संबंध में बताया कि राजनांदगांव जिले में साल 2019 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रशासन ने बसों का अधिग्रहण किया था।
नक्सल प्रभावित जिला होने के कारण मांग से अधिक बसें अधिग्रहित की गई थी। निर्वाचन कार्य संपन्न होने के बाद कुछ राशि का आबंटन किया गया।
इसी तरह खैरागढ़ उप चुनाव में भी जिले से बड़ी संख्या में बसों का अधिग्रहण कर प्रशासन ने चुनावी कार्य में उपयोग किया था। जिसकी राशि 16 लाख रुपए से अधिक है। आज तक उक्त राशि के लिए बस आपरेटर संघ अफसरों का चक्कर लगा रहा है। विगत तीन वर्षों से इस संबंध में राजनांदगांव कलेक्टर से लेकर छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग को पत्राचार कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है, लेकिन नियमों का हवाला देकर आयोग ने शेष राशि का भुगतान करने से इन्कार कर दिया है। इसके चलते बस मालिकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
महासंघ ने आगे कहा कि बस मालिकों द्वारा अब निर्णय लिया गया है कि एक बार कलेक्टर से मिलकर भुगतान के संबंध में चर्चा होगी, यदि इस पर ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा, तो आने वाले विधानसभा चुनाव समेत अन्य चुनावी कार्यों के लिए वाहन नहीं दिया जाएगा। पत्रकारवार्ता में आशीष पांडे, नरेश यादव, जसविंदर सिंह, अमित शर्मा, सुरेन्द्र यादव, ललित लोधी, अशोक जैन समेत अन्य लोग उपस्थित थे।