राजनांदगांव

साथी को बाजार से पैसा दिलाना पीडि़त को पड़ा महंगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 नवंबर। विद्युत मंडल के एक रिटायर्ड कर्मचारी को विश्वास में आकर अपने साथी को बाजार से रकम दिलाना उस वक्त महंगा पड़ गया, जब साथी ने पैसा वापस करने से हाथ खड़ा कर दिया। इसके चलते रिटायर्ड विद्युत कर्मी को बाजार के व्यापारी से रकम वापसी के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जान-पहचान के साथी को मदद करना पीडि़त को महंगा पड़ गया।
शुक्रवार को एक पत्रकारवार्ता में रिटायर्ड विद्युत कर्मी धनेश साहू ने एक पहचान के युवक आशीष ठाकुर को आर्थिक परेशानी से उबरने के लिए अपनी जमानत पर शहर के व्यापारियों से अलग-अलग तारीखों में लगभग 5 लाख रुपए दिलाया था। अलग-अलग दिनों में व्यापारियों ने रिटायर्ड विद्युत कर्मी का दो-दो ब्लैंक चेक रखकर पेमेंट किया। इसके बाद उक्त राशि को लौटाने से आशीष ठाकुर हील-हवाला करने लगा। नतीजतन रिटायर्ड विद्युत कर्मचारी को अब अपने पेंशन से ब्याज जमा करना पड़ रहा है। जिसके चलते उसकी आर्थिक हालत खराब हो रही है।
पीडि़त साहू ने बताया कि वह 30 सितंबर 2021 को सेवानिवृत्त हो गया। उसकी पहचान बर्फानी आश्रम निवासी आशीष ठाकुर आ. सुरेश बहादुर से थी। धीरे-धीरे अपनी आर्थिक परेशानी को बताने लगा। आर्थिक विषमता को समझते 2015 से 2018 के दरमियान सुशील गिडिया ओस्तवाल लाईन राजनांदगांव 2015 से 2018 के दरमियान दो लाख रुपए की राशि कर्ज दिलवाया। वहीं वर्ष 2018 में एक लाख 40 हजार रुपए तथा सन् 2018 में ही सोनराज गोलछा वस्त्रालय गुडाखू लाईन राजनांदगांव से एक लाख 55 हजार रुपए टुकडे-टुकड़े में दिलवाया। पीडि़त ने बताया कि दोनों जगह उसका दो-दो ब्लैंक चेक फंसा हुआ है। उक्त राशि आशीष ठाकुर द्वारा लिखित व अलग से स्टाम्प पर भी लिखकर दिया है। उक्त लगभग दस लाख की राशि के संबंध में बाप-बेटे दोनों को अच्छी तरह मालूम है।
पीडि़त साहू ने बताया कि बाप-बेटे से मूल एवं ब्याज की मांग भी करता रहा। उल्टा देना तो दूर आशीष ठाकुर द्वारा गाली-गलौज व मरने-मारने की धमकी देता था। जिसका गवाह लाईनमेन अब्दुल भाई है। इसके अलावा दोस्तों व सहपाठियों से मांगकर करीब 5 लाख रुपए टुकड़े-टुकडे में सन् 2018-2021 के बीच देता रहा। उक्त लगभग 10 लाख की राशि का ब्याज सहित 18-19 लाख रुपए हो गया। उन्हेांने बताया कि सेवानिवृत्त होने के कारण तनख्वाह आधा हो गया और ब्याज समय में नहीं देने के कारण लेनदार चढ़ाई करने लगे। जिससे मैं हमेशा परेशान व टेंसन में रहता हूं। बाप-बेटे द्वारा 1-2 बार व्यापारियों से मुलाकात किया और अपने बर्फानी में रहवासी जमीन आधा जगह बेचकर या टांकापारा की जमीन या कन्हारपुरी के प्लाट को बेचकर पैसा देने की बात कहा गया, किन्तु नहीं दिया।
पीडि़त साहू ने बताया कि पुलिस अधीक्षक राजनंादगांव में 7 जून 2022 को भी आवेदन दिया। कोतवाली थाना में अलग-अलग दोनों के बयान दर्ज किए गए, वहां पर भी व्यापारियों से मिलकर राशि देने आशीष ठाकुर द्वारा कहा गया, लेकिन राशि नहीं मिला। इसके पश्चात पूर्व सांसद के माध्यम से दो बार बैठक हुआ, लेकिन राशि नहीं मिला। इस तरह 8 साल गुजर जाने के कारण राशि नहीं मिला व बाप-बेटा मेरे से छल करते रहे।
पीडि़त ने कहा कि उक्त राशि के लेन-देन के कारण घर में कलह की स्थिति बनी रहती है। कभी भी शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानी के चलते किसी भी समय जान-माल की हानि हो सकती है।
पीडि़त साहू ने कहा कि समस्या का समाधान नहीं होने पर आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। उक्त घटना होने की जवाबदारी पूर्णरूप से बाप-बेटे आशीष ठाकुर आ. सुरेश बहादुर पूर्णरूप से जिम्मेदार रहेगा। साथ ही परिवार की क्षति होने पर प्रशासन की भी पूर्ण जवाबदारी होगी।