रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 नवंबर। छत्तीसगढ़ में नाबालिगों से संचालित आईएसआईएस प्रभाव वाले डिजिटल मॉड्यूल की जांच में नए तथ्य सामने आए हैं। राज्य पुलिस की इंटेलिजेंस विंग स्ढ्ढङ्ख की विशेष इकाई एंटी टेररिज्म स्क्वाड ्रञ्जस् द्वारा की जा रही विस्तृत पड़ताल में यह स्पष्ट होता जा रहा है कि दोनों नाबालिग सोशल मीडिया पर व्यापक दायरे में सक्रिय थे और उनकी ऑनलाइन गतिविधियों का विस्तार केवल पाकिस्तान आधारित डिजिटल हैंडलर तक सीमित नहीं था। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एटीएस द्वारा प्राप्त एक ग्रुप चैट में कई देशों और भारत के विभिन्न राज्यों से जुड़ी इंस्टाग्राम आईडीज़ की पहचान की गई है। इनके संपर्कों का दायरा प्रारंभिक अनुमान से कहीं व्यापक था।
अधिकारी ने यह भी बताया कि दोनों नाबालिगों में से एक अरबी भाषा सीखने की कोशिश कर रहा था। जाँच में मिले डेटा से पता चला कि वह ऑनलाइन अरबी सीखने वाले पोर्टल्स और वीडियो लेक्चरों को बार-बार एक्सेस कर रहा था, जिसका उद्देश्य विदेशी स्रोतों से सीधे संवाद स्थापित करने की क्षमता हासिल करना था। अधिकारी के अनुसार यह व्यवहार स्वतंत्र रूप से बाहरी संपर्कों तक पहुँचना चाहता था, ताकि मध्यस्थों की आवश्यकता न रहे।
सबसे गंभीर तथ्य उस समय सामने आया जब तकनीकी टीम ने एक डिवाइस से डार्क वेब ब्राउजि़ंग पैटर्न हासिल किए। डिजिटल लॉग से पता चला कि एक नाबालिग डार्क वेब पर हथियारों की कीमत, खरीद की प्रक्रिया और उससे जुड़े विकल्पों की जानकारी ढूँढ रहा था। उसने किसी को जवाब भी भेजा था कि हथियार मिल जाते तो कुछ किया जा सकता था।इस पहलू की विस्तृत फोरेंसिक जांच जारी है।
जांच में यह भी पाया गया कि दोनों नाबालिग एक से अधिक विदेशी हैंडलर्स से संपर्क में थे। प्रारंभिक चरण में केवल पाकिस्तान-स्थित डिजिटल स्रोत का पता चला था, परंतु विभिन्न चैट पैटर्न, मीडिया ड्रॉप्स और एन्क्रिप्टेड फाइलें इस बात की ओर संकेत करती हैं कि संपर्क केवल एक देश तक सीमित नहीं थे।
पहले से सामने आए तथ्यों में यह स्थापित हो चुका है कि 16 वर्षीय रायपुर निवासी नाबालिग ने इंस्टाग्राम पर आईएसआईएस रायपुर नाम से एक समूह बनाया था, जिसमें कई नाबालिगों को जोडऩे की कोशिश की गई। इनकी संख्या 100 के आसपास बताई गई है। यह समूह समय-समय पर प्रतिबंधित चैट क्लस्टरों और सीक्रेट रूम में स्थानांतरित किया जाता था, ताकि ऑनलाइन गतिविधियों के रिकॉर्ड सीमित रहें।
अधिकारी ने बताया कि जांच अब भी जारी है और विदेशी संपर्कों, डार्क वेब गतिविधियों, इंस्टाग्राम समूहों और हटाए गए डेटा के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही रायपुर के नाबालिग से जुड़े 100 लोगों को भी अलग अलग बुलाकर पूछताछ करने की जानकारी दी गई है। इनसे मिले तथ्यों के फोरेंसिक सत्यापन पूरा होने के बाद सक्षम प्राधिकरणों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।


