रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 नवंबर। महंगाई भत्ते समेत अन्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर अपने आगामी आंदोलन पर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संगठनों ने शनिवार को चर्चा की। फेडरेशन के दीपावली मिलन कार्यक्रम में जुटे फेडरेशन में शामिल संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों महामंत्रियों ने अपनी अपनी बातें रखीं। इस दौरान हुई चर्चा के अनुसार यह नौ दिवसीय आंदोलन दिसंबर के तीसरे पखवाड़े हो सकता है।
इसकी तिथियों की घोषणा फेडरेशन के कोर कमेटी की अगली बैठक में की जाएगी। फेडरेशन अपनी मांगों को लेकर ने लंबे समय से संघर्षरत है। फेडरेशन का कहना है कि सरकार कई चर्चाओं के बावजूद अब तक किसी ठोस समाधान पर सहमति नहीं बना पाई है।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा,बी पी शर्मा,सचिव राजेश चटर्जी,प्रवक्ता जी आर चंद्रा, पवन शर्मा,चंद्रशेखर तिवारी, रोहित तिवारी, संजय सिंह ठाकुर, अरुण तिवारी, मनीष मिश्रा एवं केदार जैन समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी शामिल हुए।
फेडरेशन के अनुसार जब राज्य विकास के नए आयाम गढ़ रहा है, तब कर्मचारियों को बुनियादी हक़ के लिए आंदोलन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेशभर के कर्मचारी,शिक्षक और पेंशनभोगी लगातार कर्मचारी-विरोधी निर्णयों से आहत हैं तथा फेडरेशन से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का मांग कर रहे हैं।
फेडरेशन ने सरकार से मांग की है कि सरकार रजत जयंती के अवसर पर 11 सूत्रीय मांगों को लेकर शीघ्र निर्णय नहीं लेती तो संगठन को आंदोलन को और तेज करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। फेडरेशन द्वारा घोषित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की जमीन तैयार हो चुकी है। फेडरेशन के आह्वान पर 22 अगस्त से आंदोलन कर रहा है। फेडरेशन के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ विस्तार से चर्चा होने के बाद भी मोदी की गारंटी के तहत कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन करने के लिए दो वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी सरकार निराकरण करने पहल नहीं की जा रही है। प्रदेशभर के कर्मचारियों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है। प्रदेश के शासकीय सेवकों को शासन स्तर पर बैठे कुछ अधिकारियों द्वारा सिर्फ वाहवाही के लिए योजनाबद्ध तरीके से नए-नए टेक्नोलॉजी लागू कर परेशान किया जा रहा है। जिसके कारण प्रदेश के कर्मचारियों में भय और खौफ का माहौल बना हुआ है। इन अधिकारियों को सीएम और सीएस को यह अवगत कराना चाहिए कि विभागीय सेटअप अनुसार कितने पद स्वीकृत हैं और कितने पद रिक्त है? फेडरेशन ने दावा किया है कि विभागों में अधिकतर पद रिक्त होने के कारण शासकीय सेवकों को देर रात तक काम करना पड़ रहा है। शासकीय सेवकों के ऊपर मानसिक दबाव के चलते अधिकतर कर्मचारी-अधिकारी कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है।


