रायपुर

पांच ड्रग तस्करों को दस दस साल कैद, दो युवतियां भी
11-Jun-2025 7:58 PM
पांच ड्रग तस्करों को दस दस साल कैद, दो युवतियां भी

चार वर्ष पूर्व पकड़ाए थे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 11 जून। ड्रग्स की तस्करी से जुड़े पांच ड्रग तस्कर , सप्लायर पैडलर्स को कोर्ट ने सजा  सुनाई। इन पांचों को दस दस वर्ष का कारावास काटने के साथ और एक एक लाख का जुर्माना भी भरना होगा। इन

दोषी पैडलर्स में दो युवतियां भी शामिल है। इनके नाम हैं: प्रखर मारवाह, मोहम्मद ओवेश, अभय कुमार मिर्चे, प्रिया स्वर्णकार और नेहा भगत। रायपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने इन सभी को एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत दोषी करार देते हुए  सजा सुनाई।

25 दिसंबर 22 को पुलिस ने इन पांच आरोपियों को 0.90 ग्राम मेथा फेटामाइन ड्रग के साथ गिरफ्तार किया था। इनके पास से भारी मात्रा में नशीले पदार्थ, नकद राशि, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए थे। जांच के दौरान पता चला कि यह गिरोह न केवल रायपुर, बल्कि आसपास के जिलों में भी ड्रग्स की आपूर्ति करता था। पुलिस की चार्जशीट के अनुसार, ये पांचों आरोपी युवाओं को निशाना बनाकर नशे की लत में धकेलने का काम कर रहे थे। आरोपी सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल माध्यमों से संपर्क कर नशे की डिलीवरी करते थे। दो युवतियों प्रिया स्वर्णकार और नेहा भगत की भूमिका इस पूरे नेटवर्क में महत्वपूर्ण पाई गई, जो न केवल सप्लाई की व्यवस्था करती थीं, बल्कि ग्राहकों से संपर्क साधने का काम भी करती थीं।  न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि मादक पदार्थों का कारोबार समाज के लिए गंभीर खतरा है, विशेषकर युवाओं को नशे की गिरफ्त में ले जाना एक सामाजिक अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में कोई भी नरमी भविष्य में गलत संदेश दे सकती है। इसलिए आरोपियों को अधिकतम सजा दी गई है, जिससे समाज में एक कड़ा संदेश जाए। इस मामले में पुलिस की जांच, निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को एकत्रित करने की प्रक्रिया की न्यायालय ने सराहना की। अभियोजन पक्ष ने भी कोर्ट में मजबूत पक्ष रखते हुए आरोपियों की  संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत किए। पुलिस की साइबर सेल और विशेष नारकोटिक्स टीम ने डिजिटल ट्रैकिंग के जरिए इन पैडलर्स के पूरे नेटवर्क को उजागर किया था। इस फैसले के बाद समाज के विभिन्न वर्गों ने अदालत के निर्णय का स्वागत किया है। नशे के बढ़ते चलन और युवा पीढ़ी पर इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए लोग ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। शहर के सामाजिक संगठनों और अभिभावक संघों ने कहा कि ऐसे मामलों में न्यायालय द्वारा दी गई कठोर सजा से आने वाले समय में ऐसे अपराधों पर नियंत्रण लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही, युवाओं को भी इस ओर बढऩे से पहले गंभीरता से सोचने पर मजबूर किया जाएगा।


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