रायपुर

कैश लेस इलाज से निजी अस्पताल संचालक सहमत नहीं, जैन- गौतम को पत्र
21-May-2025 10:15 PM
  कैश लेस इलाज से निजी अस्पताल संचालक सहमत नहीं, जैन- गौतम को पत्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 21 मई। निजी अस्पताल संचालकों ने सडक़ दुर्घटना में घायलों को 1.5 लाख रूपए के कैशलेस इलाज के दिशा निर्देशों को अस्पष्ट बताया है। दो दिन पहलेअंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सडक़ सुरक्षा) ने  सभी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को जारी निर्देश जारी किए थे।  इसे लेकर डॉ. राकेश गुप्ताअध्यक्ष,एसोसिएशन ऑफ़ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई),छत्तीसगढ़ चैप्टर ने स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया को पत्र भेजा है । इसकी प्रति सीएस अमिताभ जैन, डीजीपी अरूण गौतम को भी भेजा गया है। डॉ गुप्ता ने कहा किबगैर गाइडलाइन और अस्पतालों में निर्धारित प्रक्रिया दिए हुए सडक़ सुरक्षा एजेंसी का पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। वर्तमान गाइडलाइन के हिसाब से 108 एंबुलेंस किसी भी प्राइवेट अस्पताल में पैसे गंभीर मरीजों को नहीं ले जा सकती है। इस गाइडलाइन में भी परिवर्तन की जरूरत होगी।

 सडक़ एक्सीडेंट से पीडि़त मरीज के बगैर सुविधायुक्त अस्पतालों में पहुंचने से संघर्ष और मारपीट की स्थिति निर्मित होने की आशंका है।

 दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन के लिए  के पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन नाम निर्दिष्ट अस्पतालों को चिन्हित करना होगा। जिनमें गंभीर श्रेणी के मरीजों को सभी सुविधाएं आपात स्थिति में मिल सके और गोल्डन आवर में मरीज को बचाया जा सके। घायल मरीज़ को निर्दिष्ट निकटतम अस्पताल तक पहुंचाए जाने की मेडिको लीगल एवं पुलिस प्रक्रिया, सहित अन्य आवश्यक इमरजेंसी एंबुलेंस प्रोटोकॉल की स्पष्टता की आवश्यकता है ऐसे गंभीर घायलों मरीजों में निर्देशित  राशि से अधिक दिनों और राशि के खर्च में भी स्पष्टता आवश्यकता प्रतीत हो रही है है । पूरी  प्रक्रिया में स्वास्थ्य विभाग को एक विस्तृत प्रोटोकॉल जारी करने की जरूरत हो सकती है यह अस्पताल संगठनों के साथ सामंजस्य से बनाए जाने की कोशिश की जानी चाहिए।  अस्पतालों का चिन्हांकन किये बिना घायल मरीजो के अस्पताल पहुंचने पर द्वंद्व और  भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।


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