रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 अप्रैल। बीईए रेशमलाल कोशले का निलंबन राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। रेशम लाल कोशले का निलंबन बहाल करते हुए राज्य सरकार ने सारंगढ़ का नया विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनाया है। हालांकि बगीचा बीईओ रहते उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच होती रहेगी। इसे लेकर राज्य सरकार ने एससीईआरटी के अपर संचालक योगेश शिवहरे को जांचकर्ता अधिकारी बनाया है। वहीं बगीचा के बीईओ को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गाय है।
आपको बता दें कि बगीचा के बीईओ रहते रेशम लाल कोशले पर आरोप लगे थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें 9 दिसंबर 2022 को निलंबित कर दिया था और सरगुजा के जेडी कार्यालय में अटैच किया था। इस मामले में 28 फरवरी को बीईओ के खिलाफ विभागीय जांच केलिए पत्र जारी किया गया था। लेकिन, आज राज्य सरकार ने उनका निलंबन बहाल करने का आदेश दिया है। विभाग ने निर्देश दिया है कि बीईओ के निलंबन अवधि के बारे में विभागीय जांच के बाद निर्णय लिया जायेगा।
बीईओ पर क्या लगा था आरोप
जशपुर जिले में शिक्षा गुणवत्ता को सुधारने के लिए शासन ने कुछ नए संकुल केन्द्र बनाने का निर्णय लिया जिसके तहत बगीचा ब्लॉक में शासन के आदेश के बाद 25 नए संकुल बनाए जाने थे। (संकुल कई स्कूलों के समूह को कहा जाता है) जिसके इसटेबलिसमेंट खर्च के लिए शासन द्वारा बीईओ और संकुल कार्डिनेटर के संयुक्त खाते में 40-40 हजार की राशि भेजी गई थी लेकिन बीईओ, बीआरसी और एकाउंटेंट ने संकुल के कार्डिनेटर पर दबाव बनाकर ये राशि निकलवा ली और बिना इसटेबलिसमेंट किए 21 संकुलों की 8 लाख 40 हजार रुपए हजम कर ली। इसके बाद इस मामले में अपने आप को फंसता देख कुछ संकुल कार्डिनेटरों ने इसकी शिकायत संयुक्त संचालक शिक्षा से की थी।
संयुक्त संचालक ने इस शिकायत की जांच के लिए एक टीम बनाई जिस टीम ने जांच कर संयुक्त संचालक को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जांच में यह पाया गया कि ब्लॉक के 25 संकुलों के लिए शासन द्वारा 40-40 हजार रुपए की राशि इसटेबलिसमेंट के लिए भेजी गई थी।उनमें से 21 संकुल केन्द्रों की 8 लाख 40 हजार की राशि बिना इसटेबलिसमेंट के बीईओ द्वारा निकाल ली गई जिसमें बीईओ रेशम लाल कोसले के साथ बीआरसी श्री राठौर और अकाउंटेंट शैलेष कुमार अम्बष्ठ दोषी पाए गए हैं। इसके अलावा जांच अधिकारियों ने अकाउंटेंट शैलेष कुमार को इस मामले में 13 हजार रुपए की रिश्वत लेने का दोषी पाया है।


