रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 अप्रैल। मंत्रालयीन सेवा संवर्ग के अधिकारी, कर्मचारियों की गुरूवार को एक बड़ी बैठक हुई। कैंटीन में दो घंटे से अधिक चली बैठक में सौ से अधिक की भीड़ मौजूद रही। बैठक पूर्व अध्यक्ष कीर्तिवर्धन उपाध्याय की पहल पर हुई थी। बैठक का मुख्य एजेंडा मंत्रालय के नये सेटअप की मंजूरी को लेकर हो रही देरी और संघ के नेताओं की इस पर उदासीनता था। मौजूद कर्मचारियों, अधिकारियों की कहना था कि हर सेक्शन में काम बढ़ गया है,एक तरह से ओवर लोड जैसी स्थिति बनी है। 500 के करीब अटैच कर्मचारियों को वापस भेज दिया जाए तो काम बुरी तरह से प्रभावित होगा ।
लोगों का कहना था कि 2010 में अंतिम बार सेटअप पुनरीक्षित किया गयी था। उसके आधार पर वर्ष 2016,और 18 में दो बार भर्ती कर ली गई है । उसके बाद से सौ से अधिक लोग रिटायर, और देहांत भी कर गए । उनका वर्क लोड भी नीचे के अधिकारी, कर्मचारियों के दिया गया है। बिना डीए, एचआरए बेनिफिट के लोग काम कर रहे हैं। और रिटायर भी हो रहे। नया सेटअप न आने की स्थिति में पुराने और 2007 की भर्ती के लोग बिना प्रमोशन के ग्रेड-1 से ही रिटायर हो जाएंगे।
संघ की इस उदासीनता पर बैठक में मौजूद उपाध्यक्ष हीरालाल बघेल और सचिव कांति सोनवंशी पर जमकर नाराजगी जताई गई। उनका कहना था कि अध्यक्ष, कोई पहल नहीं कर रहे, करते हैं तो हम पदाधिकारियों को जानकारी नहीं देते। यह सुनकर कर्मचारियों ने उन पर तालमेल न होने की बात कही। बैठक में कहा गया कि सेटअप को लेकर प्रस्ताव दो कदम आगे बढक़र मुख्य सचिव के पास जाकर अटक गया है। वे, सीएम के सहमत कराने कोई पहल नहीं कर रहे। और सीएम संघ के नेताओं से नहीं मिलना चाहते। एक ने कहा कि सेटअप को नवीन मद में शामिल करने की चर्चाएं सुनी जा रही है। इस पर लोगों ने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि ये कोई नयी विभाग का सेटअप थोड़ी है जिसे नवीन मद में लिया जाएगा।
अंतत: यह तय किया गया कि आज ही इस संबंध में मांग पत्र मुख्य सचिव को दिया जाएगा । और रोज एक घंटे का प्रदर्शन करने की भी बात हुई। यहां सबसे उल्लेखनीय है कि बैठक , संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत की अनुपस्थिति में की गई ।
बजट दर बजट टल रहा पुनरीक्षण
इन कर्मियों के अनुसार 2010 में अंतिम बार सेटअप रिवाइज हुआ था। उस वक्त 16 जिलों का राज्य था, और योजनाएं भी कम थी। आज 33 जिलों के छत्तीसगढ़ में कई नई योजना चल रही हैं। संघ की मांग पर पूर्व में मुख्य सचिव ने नए सेटअप तैयार करने तीन सदस्यीय समिति बनाई थी। जो एक तरह से टालने की कवायद थी। सेटअप बना उसके बाद से जीएडी कभी मानसून सत्र, कभी शीतसत्र अनुपूरक बजट में शामिल करने की कही जाती रही। इस साल के बजट में शामिल करना था, लेकिन वित्त सचिव ने इसे रोक रखा है।


