रायपुर

23 दिनों से हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव मांगें पूरी नहीं हुई तो आत्मदाह भी
07-Apr-2023 6:50 PM
23 दिनों से हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव मांगें पूरी नहीं हुई तो आत्मदाह भी

रायपुर, 7 अप्रैल। प्रदेश पंचायत सचिव संघ ने अपने एक सूत्रीय मांग को लेकर 16 मार्च से काम बंद कलम बंद कर अनिश्चित कालीन हड़ताल में बैठ हैं। हड़ताल 23 दिन बीत जाने के बाद भी शासन प्रशासन के द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया। इस बात से सचिवों में आक्रोश है।

पंचायत संघ के प्रांताध्यक्ष तुलसी साहु, लखेश्वर यादव ने शुक्रवार का पत्रकारों से चर्चा में कहा कि पंचायत सचिव पिछले कई वर्षो से सेवा दे रहे हैं। इसके बावजूद आज तक इन कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं किया गया। मुख्यमंत्री निवास में पंचायत सचिवों को दिसंबर 2021 तक शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे ने पंचायत सचिवों के नियमितीकरण करने बजट में पा्रवधान लाने का आश्वस्त दिया था। जिसके बाद बजट में पंचायत सचिवों के शासकीयकारण नही किया गया। जिससे प्रदेश के  10568 पंचायत सचिव व उनके परिवार दुखी एंव आक्रोशित है ।

राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना जैसे गोधन न्याय योजना, (नरवा, गरूआ, घुरवा, बाड़ी), राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, पेंशन, सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करते आ रहे है। प्रदेश में कार्यरत 10568 पंचायत सचिव में से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके 7184 पंचायत सचिवों को शासकीयकरण का वेतनमान 5200-20200 ग्रेड 2400 दिया जा रहा है। लेकिन 15 वर्ष के कम सेवावधि वाले पंचायत सचिव जिनकी संख्या 3384 को 3500-10000 ग्रेड 1100 का वेतनमान मिल रहा है।

पंचायत सचिवों एकसूत्रीय मांग परिविक्षा अवधि पश्चात् नियमितीकरण नहीं किए जाने पर संघ जन आक्रोश के साथ आंदोलन करेगी। आने वाले दिनों में भूख हड़ताल, आमरण अनशन, जेल भरो आन्दोलन उसके बाद भी सरकार सकारात्मक पहल नही करती है तो मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करेंगें जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन-प्राशासन की होगी।


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