रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 नवम्बर। सुरक्षा निधि को लेकर प्रदेशभर में विद्युत मंडल और राज्य सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। प्रदेशभर में इसे लेकर विद्युत कार्यालयों के सामने ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी दल भी इसे मुद्दा बनाया हुआ है। खासकर कांकेर जिले में यह चुनावी मुद्दे के रूप में देखा जा रहा है। बताया गया कि इस मुद्दे पर मंगलवार शाम मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने भी बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने आज इस पर सफाई दी है। सप्लाई कोड के अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं से प्रतिवर्ष एक बार सुरक्षा निधि पुनरीक्षित की जाती है। यह निर्धारित प्रक्रिया मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के समय से चल रही है।
बिजली वितरण कंपनी के एमडी प्रबंध निदेशक मनोज खरे ने बताया कि विद्युत सप्लाई कोड-2011 के अनुसार प्रतिवर्ष माह अक्टूबर में इसे पुनरीक्षित किया जाता है। उपभोक्ता की सुरक्षा निधि को पिछले 12 महीने की औसत खपत के बिल के आधार पर पुनरीक्षित किए जाने का प्रावधान है। यदि किसी उपभोक्ता की औसत खपत पिछले 12 माह में बढ़ जाती है तो माह नवंबर के विद्युत देयकों में पूर्व से जमा सुरक्षा निधि के अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को जोडक़र बिल जारी किए जाते हैं। जबकि यदि पिछले साल की औसत खपत घट जाती है तो सुरक्षा निधि भी घटा दी जाती है और उतनी राशि आगामी बिलों में उपभोक्ता को लौटा दी जाती है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण माह नवंबर 2020 में अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को पुनरीक्षित नहीं किया गया था तथा पिछले वर्ष 2021 में भी कोविड के प्रभाव के कारण अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई थी। इस वर्ष कोविड का प्रकोप समाप्त हो चुका है अत: सामान्य नियम के तहत सुरक्षा निधि का पुनरीक्षण किया जा रहा है।
इस वर्ष केन्द्रीय उत्पादन संयंत्रों विशेषकर एनटीपीसी से मिलने वाली बिजली की दरों में विदेशों से आयातित कोयले के उपयोग के कारण वृद्धि हुई है। इस कारण वीसीए में वृद्धि हुई है, जिसका असर नियमित विद्युत देयकों पर हुआ है। साथ ही, औसत मासिक बिल बढऩे से अतिरिक्त सुरक्षा निधि जारी हुई है।
वर्ष 2022 में केवल 20 प्रतिशत उपभोक्ताओं से ही अतिरिक्त सुरक्षा निधि ली जा रही है, जिनकी खपत बढ़ी है। इसकी कुल राशि लगभग 253 करोड़ रुपए है जिसमें से घरेलू उपभोक्ताओं से ली जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा निधि 116 मात्र करोड़ रूपए है जो की कुल मासिक राजस्व का केवल 10 प्रतिशत है।


