रायगढ़

बिजली कटौती से परेशान ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
19-Jul-2021 7:03 PM
बिजली कटौती से परेशान ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

6 घंटे बाद आश्वासन मिलने पर हटाया 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 19 जुलाई।
हाथी प्रभावित क्षेत्र में बिजली कटौती की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को दोपहर 12 बजे चक्काजाम कर दिया। जिसके बाद से दोपहिया समेत ट्रक आवक-जावक व्यवस्था ठप सी पड़ गई। जाम का प्रभाव लगभग 6 घंटे तक देखने को मिला। काफी लंबी चौड़ी मशक्कत के बाद प्रशासनिक अमले ने ग्रामीणों को समझाया बुझाया। जिसके बाद लिखित आश्वासन पर जाकर चक्का जाम खोलने में सफल हो सका।

आंदोलनकारियों की मांगों में प्रमुख मांग बिजली कटौती बंद करने की रही। वहीं चक्काजाम के लगभग एक घंटे बाद सर्वप्रथम विद्युत विभाग के एई कुजूर आंदोलनकारियों को मनाने पहुंचे। किन्तु ठोस आश्वासन न मिलने के कारण ग्रामीणों का हल्लाबोल धीरे-धीरे परवान चढ़ता रहा, जिसके बाद ढाई बजे धरमजयगढ़ तहसीलदार बाज पहुंचे ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत हुए और वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया। मौके पर वन विभाग के एसडीओ अपने दलबल के साथ पहुंचे और बिजली कटौती से वन विभाग का कोई संबंध नहीं होना बताया। 

इस दौरान आंदोलन कारियों ने बताया कि क्षेत्र में जंगली हाथियों के नाम पर रोजाना शाम होते ही बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है। और जब इस विषय को लेकर विद्युत विभाग से संपर्क किया जाता है तो वन विभाग के कहने पर बिजली काटना बताया जाता है। जबकि इस बात पर वन विभाग के एसडीओ ने कहा कि वन विभाग का विद्युत कटौती से कोई मतलब नहीं है। इतना सुन आंदोलनकारियों ने विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया। 6 घंटे तक चले इस चक्काजाम में अंततरू वन विभाग द्वारा लिखित में दिया कि वन विभाग को हाथी प्रभावित क्षेत्र का बिजली कटौते से कोई मतलब नहीं है बिजली विभाग हाथी विचरण क्षेत्र में अनवरत बिजली चलू रख सकते हैं। बिजली विभाग भी आंदोलनकारियों को लिखित रूप में दिया कि आइंदा विद्युत कटौती नहीं की जाएगी। चक्काजाम के दौरान रायगढ़ पत्थलगांव मार्ग पूरी तरह बाधित रहा कई बसे दोनों तरफ घण्टों तक खड़ी रही और यात्रियों को इससे काफी परेशानी हुई इसके अलावा ट्रक, कार सहित दुपहिया वाहनों का आवागमन ठप्प रहा। विपक्षी पर्टी भाजपा का खुलकर साथ मिला ग्रामीणों को इस आंदोलन में लगभग 7 ग्राम पंचायत के सरपंच, डीडीसी, बीडीसी सहित सैकड़ों ग्रामीणों शामिल हुए।
 


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