रायगढ़

गुम मासूम को पुलिस ने परिजनों से मिलाया
09-Jun-2021 5:26 PM
गुम मासूम को पुलिस ने परिजनों से मिलाया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 9 जून।
दो साल की मासूम बच्ची को चक्रधर नगर पुलिस ने सोशल मीडिया व स्टाफ की मदद से उसके परिजनों तक पहुंचा दिया।
चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के जुर्डा में सोमवार शाम को मिली गुमशुदा बच्ची के माता पिता अगले दिन सुबह उसे मिल गए। दो साल की बच्ची जो अपने माता-पिता से बिछडऩे के बाद से सदमे में थी और कुछ नहीं बोल रही है थी उसे मूक-बधिर माना जा रहा था लेकिन आज सुबह जैसे ही बच्ची ने अपनी मां को देखा वह बोल उठी। बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट के समक्ष माता खुशबू सोनवानी और पिता अजय सोनवानी के सुपुर्द कर दिया। 

चक्रधर नगर थाना प्रभारी निरीक्षक अभिनवकांत सिंह के निर्देश पर प्रधान आरक्षक सतीश पाठक ने इस मुहिम का नेतृत्व किया उनके साथ प्रधान आरक्षक श्यामलाल महंत, आरक्षक संदीप मिश्रा, सुशील यादव कल शाम से जिया सोनवानी को उसके परिजनों से मिलाने में जुटे हुए थे।

शहर के सभी सोशल मीडिया में इस 2 साल की बच्ची की फोटो और मूक-बधिर संबोधित करते हुए फोटो वायरल हुई थी। हर शहरवासी इस बच्ची को अपने स्तर पर परिजन से मिलाने के लिए प्रयासरत था। फेसबुक, वाट्सअप, ट्वीटर पर बच्ची की फोटो शेयर की गई। इन सब के पीछे प्रधान आरक्षक सतीश पाठक का हाथ था जिन्हें सूचना मिली कि जुर्डा के कलमीडीपापारा में पानी टंकी के पास एक गुमशुदा बच्ची है और वह कुछ बोल नहीं रही है। वह दल के साथ मौके पर पहुंचे तुरंत उसकी फोटो सभी सोशल मीडिया में शेयर की और गांव में मुनादी कराई। इसके बाद भी बच्ची के परिजनों का पता नहीं चल पाया। रात होता देख चक्रधर नगर पुलिस ने बच्ची का किरोड़ीमल शासकीय चिकित्सालय में शारीरिक परीक्षण व कोविड टेस्ट कराया। टेस्ट नेगेटिव आया तो उसे बाल संरक्षण समिति के माध्यम से मातृ-निलियम (बच्चों का आश्रम) भेज दिया। मंगलवार की सुबह सतीश के पास कोलाईबहार से चंद्रेश साहू का फोन आया कि इसके पिता इसी गांव के हैं और एक और फोन चमड़ा गोदाम से आया कि यहां उसके परिजन है। दरअसल जिया के माता-पिता साथ ही रहते हैं लेकिन कल वह कोलाईबहार चले गए थे जिस पर उसकी मां को लगा कि बच्ची उन्हीं के साथ है। लेकिन थोड़ी ही देर बाद मां को बेटी की गुमशुदगी के बार में पता चल गया। मंगलवार सुबह किसी परिचित ने उसे सोशल मीडिया में चल रही जिया की तस्वीर दिखाई तो उसने पहचान लिया। चक्रधर थाने में मां-पिता दोनों सुबह पहुंचे और फिर सतीश एंड टीम ने उन्हें बाल संरक्षण समिति के मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। वार्ड 38 चमड़ा गोदाम आदर्श नगर के पार्षद मुरारी भट्ट ने बच्ची और उसके परिजनों को पहचाना तब जाकर जिया को उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया।  
 


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