रायगढ़
फर्जी तरीके से जमीन नामांतरण का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 27 नवंबर। घरघोड़ा के पूर्व एसडीएम अशोक मार्बल और पटवारी परमेश्वर नेताम सहित जमीन विक्रेता बिहारी पटेल और विक्रय पत्र के गवाह सुरेन्द्र गुप्ता के विरुद्ध अदालत ने भारतीय दण्ड विधान की धारा 420,419, 467,468,471 एवं 120 बी का अपराध दर्ज करने का आदेश दिया है।
लैलूंगा निवासी अशोक कुमार अग्रवाल की ओर से दायर क्रीमिनल कम्पलेन्ट फाइलिंग में उनके वकील रायगढ़ के सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा-आशीष कुमार मिश्रा का तर्क सुनने के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया है।
एसडीएम अशोक कुमार मार्बल एवं पटवारी परमेश्वर नेताम ने ग्राम-झींकाबहाल में जिन्दल पावर एण्ड स्टील लिमिटेड की भूमि खसरा नंबर 208 रकबा 0.773 हेक्टेयर के संबंध में राजस्व रेकार्ड में हेराफेरी और कूटरचना करके इस भूमि का स्वामी बिहारी पटेल को दर्शाते हुए ऋण पुस्तिका तैयार किया और खसरा, बी-। में भी बिहारी पटेल को मालिक होना दर्शाया जिसके बाद इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिहारी पटेल ने 23 जनवरी 2018 को 11,84,000 में जमीन लैलूंगा के व्यापारी अशोक कुमार अग्रवाल के पक्ष में बेच दी जिसकी रजिस्ट्री भी फर्जी कागजातों के आधार पर हो गई। आश्चर्य की बात है कि खरीददार अशोक कुमार अग्रवाल के पक्ष में जमीन बिक जाने पर उसके नाम पर इन राजस्व अधिकारियों ने फर्जी नामातंरण भी कर दिया और फर्जी ऋण पुस्तिका जारी कर दिया।
खरीददार अशोक कुमार अग्रवाल ने जब आनलाइन दस्तावेज निकाला, तब उक्त भूमि वेणूधर वल्द ईश्वर के नाम पर दर्ज होना दिखाई दी। इसके बाद जब खरीददार ने और भी बारीकी से छान-बीन किया, तब उसे पता चला कि वर्ष 2017 के खसरा में वह जमीन जिन्दल पावर लिमिटेड के नाम पर दर्ज है तथा विक्रेता बिहारी पटेल के नाम पर यह जमीन कभी भी दर्ज नहीं रही है लेकिन एसडीएम मार्बल और पटवारी परमेश्वर ने फर्जी खसरा-बी। एवं फर्जी ऋण पुस्तिका बनाकर बिहारी पटेल को इस जमीन का मालिक होना दर्शाकर उससे यह जमीन खरीददार अशोक अग्रवाल को ठगने के लिये बिकवा दिया एवं अशोक अग्रवाल को ठगने के लिये उसके नाम पर फर्जी नामातंरण करते हुए फर्जी ऋण पुस्तिका भी बना दिया।
इस मामले में पीडि़त खरीददार अपनी फरियाद लेकर न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी घरघोड़ा माननीय दामोदर प्रसाद चन्द्रा की अदालत में गया, जहां पीडि़त को न्याय दिलाने के लिये चेम्बर रायगढ़ के सीनियर वकील अशोक कुमार-आशीष कुमार मिश्रा ने पीडि़त के वकील की हैसियत से उपस्थित होकर तर्क किया।
अदालत ने प्रकरण में तर्क सुनने और पूरे प्रकरण के दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद थानेदार लैलूंगा को निर्देशित किया कि वे एसडीएम अशोक कुमार मार्बल, पटवारी परमेश्वर नेताम, जमीन विक्रेता बिहारी पटेल और विक्रय पत्र के गवाह सुरेन्द्र गुप्ता के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 420, 419, 467, 468, 471, 120 बी का अपराध दर्ज कर विवेचना करें एवं अभियोग पत्र अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में दाखिल करें।
यह आदेश पारित होने पर पीडि़त ने इसे न्याय और सत्य की जीत की संज्ञा देते हुए कहा कि उसे पूरा भरोसा था कि उसे अदालत के अलावा कहीं और से न्याय मिल ही नहीं सकता है इसलिये वह फरियाद लेकर अदालत गया था।
पीडि़त के वकील सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार-आशीष कुमार मिश्रा ने न्यायालय के इस आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत का यह आदेश भ्रष्टाचार में डूबे प्रशासनिक अधिकारियों के लिये एक संदेश है और इस आदेश से साफ झलकता है कि कानून की नजर में सब समान हैं एवं उच्च प्रशासनिक अधिकारी होने के आधार पर अपराध करने की छूट किसी को नहीं मिल सकती है।
एसडीएम अशोक कुमार मार्बल के विरुद्ध भू अर्जन घोटाला में अपराध दर्ज करने की कार्यवाही आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो रायपुर में लंबित है तथा बजरमुड़ा जमीन घोटाला में इस अधिकारी के विरुद्ध अपराध दर्ज करने का आदेश कलेक्टर रायगढ़ द्वारा घरघोड़ा के अनुविभागीय अधिकारी को दिया गया है।


