रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 21 जुलाई। लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया ने ग्राम-घरघोड़ा में आयोजित कार्यक्रम में तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषकों को तिल बीज एवं अन्य आदान सामग्री का वितरण किया। यह अकुलपति के रात्रि निरीक्षण में सोते मिले सुरक्षा गार्ड
खैरागढ़, 20 जुलाई। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में पदभार ग्रहण करने के बाद कुलपति प्रो.डॉ.लवली शर्मा 4 बार रात्रि निरीक्षण कर चुकी हैं, जहां उन्हें सुरक्षा गार्ड सोते हुये नजर आये। विश्वविद्यालय की सुरक्षा की दृष्टि से कुलपति कभी रात्रि 1 बजे, कभी 2 बजे तो कभी 2:30 बजे उठकर कैम्पस का निरीक्षण करती हैं और काम के प्रति कोताही बरतने वालों पर विशेष कार्रवाई की जाती है।
शुक्रवार 18 जुलाई की रात 1 बजे कुलपति ने कैम्पस-01 का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान एक सुरक्षा गार्ड बेंच पर सोया हुआ मिला, एक गार्ड टेबल पर सोया हुआ था और एक गार्ड गेस्ट हाउस के कमरे में बकायदा गद्दा लगाकर तथा कम्बल ओढक़र सोया हुआ था। कुलपति के पहुंचते ही एक कर्मचारी तुरंत उठा, जिसके बाद उसने हड़बड़ी में दूसरे कर्मचारी को उठाया।
कुलपति के पूछने पर वह पैर में चोट लगने का बहाना बनाने लगा और निरीक्षण में निकली कुलपति के पीछे खाली पैर चलने लगा। जब कुलपति ने उससे कहा कि तुम्हारे पैर में चोट लगी है तो खाली पैर कैसे चल रहे हो, तब वह जवाब नहीं दे पाया।
इसके बाद कुलपति गेस्ट हाउस पहुंची, जहां उन्होंने एक कर्मचारी को कमरे में सोते हुये देखा। पूछने पर कर्मचारी मोबाईल चार्ज करने आया हूं कहकर बहाना बनाने लगा, जबकि कुलपति ने उसे कम्बल ओढक़र सोते देख लिया था।
इस दौरान कुलपति ने उन्हें ईमानदारी से काम करने को कहा, काम में लापरवाही करने पर उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी, यह आदेश दिया।
कुलपति ने विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों से स्पष्ट कहा है कि काम के प्रति सजग रहकर ईमानदारी से काम करना है। काम नहीं करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएगी जिसके जिम्मेदार वे स्वयं होंगे, विश्वविद्यालय प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।
ायोजन कृषि विज्ञान केन्द्र, रायगढ़ द्वारा किया गया, जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत तिलहन फसल के क्षेत्रफल, उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए तिल फसल किस्म-उन्नत रामा के 50 एकड़ क्षेत्रफल में समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान सांसद श्री राठिया ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, हमारे प्रदेश की कृषि शक्ति को सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी है कि हम तिलहन फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादन को बढ़ाएं। यह न केवल खाद्य सुरक्षा में योगदान करेगा बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि करेगा। इसके साथ ही जैविक खेती को अपनाकर किसानों को नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
डॉ.एस.आर.के. सिंह, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर और डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने इस कार्यक्रम में मार्गदर्शन किया। उन्होंने कृषकों को उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी और तिलहन फसल के उत्पादन में वृद्धि के उपायों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में डॉ. बी.एस.राजपूत, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र ने कृषकों को विभिन्न कृषि विधाओं में विविधीकरण करने के लिए सलाह दी। उन्होंने तिलहन के अलावा दलहन, पशुपालन, मुर्गीपालन और मछलीपालन को भी आय वृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्रोत बताया। डॉ.के.के. पैकरा, वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) ने तिल फसल के उन्नत उत्पादन तकनीक और फसल विविधिकरण पर विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर सरपंच, पंच, अन्य जनप्रतिनिधिगण व शिव दिवाकर, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं छर्राटांगर के कृषक एवं कृषक महिलाओं की सहभागिता रही।