रायगढ़

एक देश एक चुनाव की राह पर छत्तीसगढ़, आने वाले समय में चारों चुनाव एक साथ कराने की तैयारी-धरमलाल कौशिक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 5 जनवरी। भारतीय जनता पार्टी ने आज प्रदेश के नये जिलाध्यक्षों के नाम तय करने की शुरूआत कर दी है। जिसमें रायगढ़ से भाजपा के महामंत्री अरूणधर दीवान के नाम पर मुहर लगी। इस रेस में भाजपा के विकास केडिया, वरिष्ठ भाजपा नेता विवेक रंजन सिन्हा का नाम भी शामिल थे, लेकिन संगठन ने बंद लिफाफा प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने भाजपा कार्यालय में यह लिफाफा खोलते हुए अरूणधर दीवान को नया भाजपा जिलाध्यक्ष घोषित किया।
इसके बाद उन्होंने सर्किट हाउस में चर्चा के दौरान कहा कि पार्टी की प्रकिया के बाद उनका नाम तय हुआ है। उन्होंने प्रदेश के नगरीय निकाय तथा पंचायत चुनाव पर भी अपनी बात कही।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा बिल्हा के विधायक धरमलाल कौशिक ने बताया कि आज भारतीय जनता पार्टी आज रायगढ़ भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में अरूणधर दीवान का सर्वसम्मति से चयन हुआ है। एक अच्छे कार्यकर्ता का लोगों ने चयन किया है, साथ आने वाले समय में निश्चिय रूप से नगरीय निकाय चुनाव हे यह हमारे लिये महत्वपूर्ण है और उनके नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा जाएगा और हमारे मेयर, पार्षद, जिला पंचायत, जनपद, सरपंच, पंच चुनकर आएंगे और आने वाले समय में विधानसभा जो हमारे हाथ में नहीं है वो भी हमारे हाथ में आये। अरूणधर दीवान सर्व सम्मति से अध्यक्ष चुने गए हैं और आज जिस प्रकार से गाजे-बाजे और आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत हुआ है। यह अपने आप में प्रमाणित है कि लोगों का स्नेह उन्हें मिला है।
नगरीय निकाय चुनाव में हो रहे देरी के संबंध में धरमलाल कौशिक ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे। दोनों का सामंजस्य बनाया गया है ताकि एक बार आचार संहिता लगे और दोनों चुनाव संपन्न हो जाये। पहले नगरीय निकाय का अलग आचार संहिता लगता था और पंचायत चुनाव का अलग लगता था। बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य अवरूद्ध होते हैं। उसमें समय व धन का भी खर्चा होता है। ये सब को बचाने के लिये यह नीति अपनाई जा रही है।
विपक्ष के द्वारा साय सरकार की मनमानी के आरोप के सवाल पर धरमलाल कौशिक ने कहा कि हम तो यह कहते हैं कि सिर्फ यही चुनाव नहीं, लोकसभा, विधानसभा और सभी चुनाव यदि एक साथ होंगे तो निर्वाचित सरकार को अधिक से अधिक समय मिलेगा काम करने का। चूंकि आचार संहिता के कारण कार्य प्रभावित होते हैं। जो सुविधा जनता को समय पर मिलनी चाहिए उससे वह वंचित हो जाते हैं। अभी हम दो चुनाव एक साथ करा रहे हैं। लेकिन आगे तैयारी यही होनी चाहिए कि चारों चुनाव एक साथ हो। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की तारीख तय की गई है, उसके हिसाब से फरवरी तक दोनों चुनाव हो जाएंगे।